राहुल गौतम
नित्य संदेश, मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 'हिंदी का प्रवासी साहित्य' का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम अध्यक्ष प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता, प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा, प्रोफेसर परिन सोमानी, डॉ राकेश बी दुबे रहे। विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर सत्यकेतु रहे। आयोजन के संयोजक प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी एवं संचालन डॉ. अंजू ने किया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी ने हिंदी को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। विदेशी विश्वविद्यालय से एमओयू किए जाने चाहिए। जिससे छात्र-छात्राओं को आपसी मेल मिलाप का लाभ मिलेगा। विश्वविद्यालय 10 विद्यार्थियों को विदेश में शिक्षा प्राप्ति के लिए छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है। हमें इसका लाभ लेना चाहिए। प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि प्रवासी साहित्य को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने पहली बार पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया और विभाग ने प्रवासी साहित्य के पाठ्यक्रम की नींव रखी। हिंदी अब दुनिया की भाषा है। इसमें प्रवासी साहित्यकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत की विश्व स्तर पर भागीदारी भले चाहे वह सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक किसी भी स्तर पर हो इससे भारत की और हिंदी की वैश्विक स्थिति सुनिश्चित होती है।
कार्यक्रम अध्यक्ष प्रोफेसर वेद प्रकाश बटुक ने कहा कि मैं अमेरिका में 25 सालों तक हिंदी का अध्यापन किया। जहां 20000 से ज्यादा विद्यार्थियों ने अमेरिका में हिंदी पढ़ी, आज अमेरिका में 50 लाख भारतीय बसते हैं, हिंदी के सबसे बड़े दुश्मन ही हिंदी के सबसे बड़े लीडर हैं। हिंदी में सबसे बड़े पूजक महात्मा गांधी हैं। मैं ना ही अमेरिका का नागरिक बना, न ही ब्रिटिश नागरिक बना हूं। सिवाय तिरंगे के मैं किसी को सलाम नहीं किया। सन 2000 से पहले किसी ने प्रवासी साहित्य नहीं कहा। लेखक प्रवासी हो सकता है, लेकिन साहित्य प्रवासी नहीं हो सकता। हिंदी के जो विद्यार्थी हैं भारतीय मूल के होकर भी हिंदी को विदेश में विदेशी भाषा के रूप में पढ़ते हैं। इस अवसर पर डॉ. सुनीता मौर्य, डॉक्टर मंजू शुक्ला, डॉक्टर गजेंद्र सिंह, आरती राणा, डॉक्टर विद्यासागर सिंह, डॉक्टर प्रवीण कटारिया, डॉक्टर यज्ञेश कुमार, डॉ. सुमित नगर, डॉ. अंचल कुमारी, विनय, विपिन कुमार, आयुषी, एकता, नेहा ठाकुर, रिया सिंह, विक्रांत, शौर्य, राजकुमार, प्रिंसी आदि छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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