नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। जीवन एक जीने की
कला है इस मुस्कुराकर जिए, प्रेम से बड़ी कोई सम्पति नहीं है, सबके लिए मंगल भावना
भाए। आचार्या गुप्ति सागर महाराज 28 साल बाद यहां मेरठ में कमला नगर में आए।
उन्होंने अपने प्रवचन में
अज्ञान को सबसे बड़ा अपराध बताया और कहा ससांर में जितने भी पाप व अपराध है, वह सब आज्ञानता के कारण ही हैं, हम अज्ञानता को छोड़े
और अब अपने को धर्म पुरूषार्थ में लगाए, आज
का मानव काम और अर्थ के चक्कर में कोल्हू का बैल बना हुआ है, उसे धन के अलावा कुछ भी
सुझाई नहीं देता है, वह धन से ही अपने आप को बादशाह समझता है। सिकंदर ने भी सारी दुनिया
पर शासन करना चाहा और अंत में खाली हाथ गया। महावीर स्वामी का संदेश है कि आप और हम
सब प्रेम के साथ अहिंसा पर चले। प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि महाराज जी शुक्रवार
को एक बजे पलल्वपुरम प्रस्थान करेंगे।
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