अर्जुन देशवाल
नित्य संदेश, बहसूमा। मेरठ-पौड़ी हाई-वे पर रामराज कस्बे के पास सैफपुर फिरोजपुर नामक स्थान पर भोलेबाबा का प्राचीन मंदिर है। यहां फाल्गुन मास में लाखों कांवड़िएं भगवान शिव पर जलाभिषेक के लिए आते हैं।
इस मंदिर की विशेषता है
कि यहां भोलेनाथ खुले आसमान के नीचे विराजे हैं। इस अद्भुत मंदिर में आज तक कभी छत
नहीं बन सकी। यहां के लोग बताते हैं कि जब कभी इस मंदिर पर छत डालने की कोशिश की गई
तो यह टिक न सकी। फाल्गुन मास में इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक करने के
लिए दूर-दराज से लाखों श्रद्धालु आते हैं। महाशिव रात्रि पर यहां भव्य मेला लगता है।
मान्यता है कि महाभारत काल में ऋषि दुर्वासा ने यहां कठोर तप किया था। महाभारत के युद्ध
के समय कौरवों की माता गांधारी एवं पांडवों की माता कुंती दुर्वासा ऋषि के पास पहुंची
थी। उसी समय आकाशवाणी हुई कि यहां शिवलिंग पर पहले फूल जो चढ़ाएगा, विजयी उसी को मिलेंगी।
पांडवों की ओर से भगवान
इंद्र ने आकाश से शिवलिंग पर फूलों की वर्षा की। यह भी बताया गया है कि मुगलकाल में
यहां एक गाय आकर खड़ी होती थी, गाय के थनों से स्वत ही दूध निकलता था। यहां खुदाई की
गई तो इस स्थान पर शिवलिंग मिला, जिस पर गाय व त्रिशूल की आकृति बनी हुई थी।
No comments:
Post a Comment