शाहिद खान
नित्य संदेश, मेरठ। नर नारायण सेवा संस्थान एवं श्री सनातन धर्म मंदिर प्रहलाद नगर द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा के छठे दिवस में बाल कथा व्यास पंडित अंश वशिष्ठ वैदिक ने भगवान कृष्ण का मथुरा गमन, कंस वध, उद्धव का वृन्दावन गमन, उग्रसेन को मथुरा की गद्दी पर बैठना, भगवान का विश्वकर्मा द्वारा द्वारिका की स्थापना एवं रुक्मणि मंगल की कथा सुनाई।
कथा व्यास ने कहा कि वैसे
तो कंस एवं कृष्ण की एक ही राशि होती है, किंतु कर्मानुसार परमात्मा भी उसी से प्रसन्न
होते हैं, जो उत्तम सत्कर्म की उपलब्धि को प्राप्त करता है। कंस ने कृष्ण को कुभाव
से भेजा और उत्तम गति को प्राप्त किया।
भगवान सहजता, सरलता और
प्रेम से ऐसे बंध जाते हैं, जो भक्त लोग कह उठते हैं वह सत्य वचन हो जाते है। भगवान
का जो पाणिग्रहण संस्कार हुआ, वह विश्व का सबसे उत्तम संस्कार था। विवाह का अर्थ जो
ब्रह्मा जी के द्वारा निर्मित पद्धति से विवाह होता है, जिससे उत्तम संतान प्राप्त
होती है। आजकल गंधर्व विवाह यानी लव मेरिज जिसमें सौदा किया जाता है, ब्याह जिसको करने
के बाद पिता की आह निकल जाए उसे ब्याह कहते हैं। कथा के यजमान अद्वैत स्वरूप
आश्रम (कुटिया) से रतन कपूर, आशीष अरोड़ा, मोहित अरोड़ा, मन्नी पाहूजा, राजेश
कपूर उज्ज्वल, विश्वास, वरुण करनवाल, उत्सव, गुलशन कपूर, अभिषेक गोतम रहें।
इस मौके पर ओम प्रकाश मखीजा, इंदर खुराना, मुकेश शर्मा, संजय अग्रवाल, सुनील चड्ढा,
हरीश गुंबर, अमिताभ छाबड़ा, आशीष मित्रा, टोनी आहूजा, बिल्ला कपूर, सचिन नारंग आदि
रहें।
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