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देखना चाहते हो किसी के भाव,
तो उसकी हां में हां, मत मिलाना।
उसे बस थोड़ा सा गुस्सा दिलाना,
जो रहे वह शांत तो, मन मिलाना।।
देखना चाहते हो किसी की सच्चाई,
तो उसे किसी कठिनाई में डालना।
अगर वह नहीं गिराए खुद का चरित्र,
तो ही उससे जुड़े रिश्ते नाते पालना।।
देखना चाहते हो किसी की परवाह,
तो थोड़ा बीमारी का बहाना बनाना।
अगर वह दिखे आपके लिए परेशान,
तो ही दुनिया में उसे अपना बताना।।
देखना चाहते हो किसी की वफादारी,
तो उसे अकेले रहने का मौका दे देना।
अगर वह न उठाए मौके का फायदा,
तो उसे बिना संकोच के अपना लेना।।
देखना चाहते हो किसी का संयम,
तो उसे आसानी से मत दो जवाब।
फिर भी उसे रहे आपकी प्रतिक्षा,
तो वही है आपके लिए लाजवाब।।
देखना है किसी का दिया सम्मान,
तो उसे कार्यो के लिए मना करना।
फिर भी वह नहीं हो आपसे नाराज़,
तो ही उसे सच्चा विनम्र समझना।।
देखना है कभी विश्वास की कसौटी,
तो किसी को खुद का राज कहना।
अगर वह राज कोई तीसरा न खोले,
तो निसंकोच उसके मित्र बने रहना।।
सपना सी.पी. साहू 'स्वप्निल'
इंदौर (म.प्र.)
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