बिनीत कुमार राय
नित्य संदेश, नोएडा. ठंड के मौसम में ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में बढ़ोतरी एक चिंताजनक विषय है। ब्रेन स्ट्रोक, जो तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है, एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है, जो स्थायी विकलांगता या मृत्यु का कारण बन सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि सर्दियों के महीनों में स्ट्रोक की आवृत्ति बढ़ जाती है। इसके पीछे शारीरिक, पर्यावरणीय और व्यवहारिक कारण होते हैं, जो ठंडे मौसम में अधिक सक्रिय होते हैं।
सर्दियों के मौसम में शरीर में होने वाले शारीरिक परिवर्तन इस वृद्धि का प्रमुख कारण हैं। ठंडे तापमान के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है। जब धमनियां संकरी हो जाती हैं, तो हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे रक्त के थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप, विशेष रूप से हेमोरेजिक स्ट्रोक (जिसमें मस्तिष्क में रक्त वाहिका फट जाती है) के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रिंसिपल डायरेक्टर, डॉ. विवेक कुमार ने कहा, “सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक का जोखिम कई कारणों से बढ़ जाता है, लेकिन सही जानकारी और सावधानी बरतकर इसे काफी हद तक रोका जा सकता है। नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, और उच्च रक्तचाप व मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियों का नियंत्रण बनाए रखना जरूरी है। इसके अलावा, ठंड के मौसम में खुद को गर्म रखने और धूम्रपान व शराब से परहेज करने से भी स्ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है।”
सर्दियों में रक्त का गाढ़ा होना भी एक अन्य महत्वपूर्ण कारक है। ठंड के कारण रक्त का गाढ़ापन बढ़ जाता है, जिससे थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है। ये थक्के मस्तिष्क तक पहुंचकर रक्त प्रवाह को रोक सकते हैं, जिससे सबसे सामान्य प्रकार का स्ट्रोक, इस्कीमिक स्ट्रोक, हो सकता है।
सर्दियों में शारीरिक गतिविधियों में कमी और गतिहीन जीवनशैली भी स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाती है। ठंडे मौसम में लोग आमतौर पर बाहर निकलने से बचते हैं, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं। निष्क्रियता मोटापा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसे जोखिम कारकों को जन्म देती है, जो स्ट्रोक की संभावना को बढ़ा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, सर्दियों में श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे फ्लू और निमोनिया के मामलों में वृद्धि होती है। ये संक्रमण हृदय रोग और उच्च रक्तचाप जैसे अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों को खराब कर सकते हैं, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
ठंड के महीनों में स्ट्रोक के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए। नियमित स्वास्थ्य जांच, सक्रिय जीवनशैली और संतुलित आहार के जरिए इस जोखिम को कम किया जा सकता है। जागरूकता और सही कदम उठाने से सर्दियों के दौरान ब्रेन स्ट्रोक की घटनाओं को प्रभावी ढंग से कम किया जा सकता है
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