नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। कौशल विकास एवं
उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने प्रशिक्षण महानिदेशालय के माध्यम से भारत की
अग्रणी थर्मल सोल्युशप्स कंपनी सुब्रोस लिमिटेड के साथ एक फ्लेक्सी-एमओयू को
औपचारिक रूप दिया। कार्यक्रम का आयोजन कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री (स्वतन्त्र
प्रभार) की मौजूदगी में हुआ। यह एमओयू ऑटोमोटिव सेक्टर में उद्योग-उन्मुख कौशल को
बढ़ावा देगा।
इस अवसर पर जयंत चौधरी (कौशल विकास, उमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री, शिक्षा मंत्रालय) ने कहा, इनोवेशन्स एवं कुशल कार्यबल के चलते भारत ऑटो मोबाइल एवं मैनुफैक्चरिंग के
ग्लोबल हब के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत बना रहा है। इसी क्रम में एमएसडीई ने
डीजीटी के माध्यम से सुब्रोस लिमिटेड के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत हमारे युवाओं को भविष्य के लिए ज़रूरी कौशल प्रदान
किया जाएगा। यह साझेदारी उन्हें ऑटो मोबाइल एयर-कंडीशनिंग में व्यवहारिक प्रशिक्षण
प्रदान करेगी। उद्योग एवं अकादमिक जगत के बीच इस तरह की साझेदारियों के माध्यम से
हम कौशल के अंतराल को दूर करना चाहते हैं, साथ ही ऐसे कार्यबल का निर्माण करना चाहते हैं, जो उद्योग
जगत में आ रहे बदलाव के अनुसार हमेशा तैयार रहें। भारत स्मार्ट मैनुफैक्चरिंग एवं
सस्टेनेबल मोबिलिटी की ओर अग्रसर है, ऐसे में यह पहल कौशल की दिशा में हमारे प्रयासों को बढ़ावा
देगी तथा विश्वस्तरीय मंच पर हमारी स्थिति को मजबूत बनाएगी। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य युवाओं को ऑटो मोटिव
एयर-कंडीशन मैनुफैक्चरिंग ट्रेड में उद्योग-उन्मुख कौशल प्रदान करना, उनकी रोज़गार क्षमता बढ़ाना तथा ऑटोमोटिव एवं मैनुफैक्चरिंग
सेक्टरों में कार्यबल की कमी को दूर करना है। समझौता ज्ञापन के तहत सुब्रोस
लिमिटेड इंडस्ट्री ट्रेनिंग पार्टनर की भूमिका निभाएगा, यह कौशल की खामियों को पहचान कर उसी को ध्यान में रखते हुए
पाठ्यक्रम तैयार करेगा तथा प्रशिक्षण के लिए ज़रूरी सुविधाएं जैसे क्लासरूम, कार्यशालाअें एवं उपकरणों के माध्यम से व्यवहारिक प्रशिक्षण
प्रदान करेगा। इसके अलावा सुब्रोस लिमिटेड प्रशिक्षण पाने वाले उम्मीदवारों के चयन
में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वहीं डीजीटी (प्रशिक्षण महानिदेशालय)
उम्मीदवारों का मूल्यांकन कर उन्हें सर्टिफिकेशन प्रदान करेगा। सुब्रोस लिमिटेड कम
से कम 50 फीसदी सफल
उम्मीदवारों को नौकरियों के अवसर भी उपलब्ध कराएगा। इस तरह युवाओं को ‘लर्न एण्ड अर्न’ दृष्टिकोण के तहत ऑटोमोबाइल एवं मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में
कौशल पाने के अवसर मिलेंगे। वे थ्योरी के साथ-साथ ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग भी पा सकेंगे, जिससे उनकी रोज़गार क्षमता बढ़ेगी।
सुब्रोस लिमिटेड की
स्थापना 1985 में डेंसो कॉर्पोरेशन
एवं सुजु़की मोटर कॉर्पोरेशन के साथ संयुक्त उद्यम के रूप में की गई, जो आज ऑटोमोटिव एयर कंडीशनिंग सिस्टम्स एवं कम्पोनेन्ट्स
में प्रीमियम मैनुफैक्चरर के रूप में विकसित हो चुका है। अपने आधुनिक
इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा अनुसंधान एवं विकास, के साथ वे उद्योग जगत की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं एवं व्यवहारिक
प्रशिक्षण के लिए सही पार्टनर हैं। यह
फ्लेक्सी-एमओयू उद्योग जगत में कनेक्शन्स को बढ़ावा देने, उद्योग जगत के अनुकूल प्रशिक्षण प्रदान करने में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाएगा। अपने कौशल प्रोग्रामों के माध्यम से उम्मीदवारों को व्यवहारिक
प्रशिक्षण प्रदान करेगा, ताकि
वे रोज़गार के लिए तैयार हो सकें। साथ ही कम से कम 50 फीसदी सफल उम्मीदवारों को नौकरियों के अवसर भी मिलेंगे।
कुल मिलाकर यह योजना कौशल भारत मिशन को समर्थन प्रदान करेगी, इस समझौता ज्ञापन के साथ 11 अन्य परिचालन समझौता ज्ञापनों में मारुति सुजुकी, एनएमडीसी छत्तीसगढ़, सुजु़की मोटर्स और टोयोटा किरलोस्कर मोटर प्रा. लिमिटेड के
साथ किए गए समझौते भी शामिल हैं। अग्निवीरों के कौशल पर ध्यान केन्द्रित करते हुए
प्रशिक्षण महानिदेशालय पहले से 1,05,000 नामांकन कर चुका है और 85 एनएसक्यूएफ अनुरूप पाठ्यक्रम उपलब्ध करा चुका है। जून 2024 में संशोधित की गई फ्लेक्सी-एमओयू योजना, उद्यमों को प्रशिक्षण महानिदेशालय के साथ साझेदारी में
उद्योग जगत के अनुकूल प्रशिक्षण प्रोग्राम लाने के लिए सक्षम बनाती है। इन
प्रोग्रामों के तहत उद्योग जगत की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए कोर्स का कंटेंट, अवधि और प्रवेश के मानदण्ड आदि तय किए जाते हैं।
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