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Friday, February 21, 2025

दस्तारबंदी उत्सव और रस्म बुखारी शरीफ का समापन





नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। मदरसा इस्लामी अरबी अन्दर कोट के मैदान में एक दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन व जशने बुखारी शरीफ का आयोजन किया गया। जिसकी सरपरस्ती शेख गुलाम कुतुबुद्दीन साबरी (प्रबन्धक मदरसा हाज़ा) व अध्यक्षता मौ. शम्स कादरी (प्रधानाचार्य मदरसा हाज़ा), मौलाना मौ. हमीदुल्लाह खाँ कादरी इब्राहिमी (सज्जादा नशीन खानकाह आलिया कादरिया इब्राहिमीया सरावा शरीफ, हापुड़, गज़ियाबाद), फरीद मियां (सज्जादा नशीन खानकाह आलिया साबरीया लतीफीया सीकरी शरीफ, मुज़फ्फर नग़र) ने की। निज़ामत हज़रत अल्लामा मौ. रईस अहमद जामई मुरादाबादी ने की. तिलावते कलामे पाक हाफिज़ व कारी मौलाना मौ. स‌ददाम हुसैन ने की.

इससे पहले असर की नमाज़ के बाद मुफ्ती मौ. रहमतुल्लाह मिस्बाही उस्तादुल हदीस (मदरसा) ने दौरे हदीस के फ़ारिग़ीन उलमा को बुखारी शरीफ की आखिरी हदीस पढ़ाकर खत्मे बुखारी कराई. अज़मत हदीस व इमाम बुखारी की हयात व खिदमात पर प्रकाश डालते हुऐ छात्रों को उपयोगी नसीहतों से नवाज़ा। मुन्तजमीन मदरसा व एहले मेरठ और संस्थान सहायक के लिए विशेष दुआ फरमाई। बाद में नाजिम मौसूफ ने नाते रसूल (स0अ0) के लिए शायर इस्लाम जनाब मौलाना मौ. जमालुर्राफे व मौलाना मौ. सैफ खालिद और हाफिज मौ. नसीम को पेश किया। जिन्होंने अपनी दिलकश व मदभरी आवाज़ और पुर मग्ज़ कलाम के ज़रिए पुरकैफ़ समां बांधा। उसके बाद मुल्क व मिल्लत के मशहूर उलमा ए कराम व खुतबा ए इस्लाम ने तकरीरें पेश कीं। 

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