सपना साहू
नित्य संदेश, इंदौर। भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ, शा. महारानी लक्ष्मीबाई स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय में उच्च शिक्षा विभाग के त्रैमासिक कैलेण्डर के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की मासिक गतिविधियों में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
"सरस्वती महाभागे विद्ये कमल लोचने विद्यारूपे विशालासि विद्यां देहि नमोस्तुते " इस मंत्र के साथ संस्था प्रमुख डॉ. चंदा तलेरा जैन ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया और छात्राओं को संचार के सशक्त माध्यम के साथ विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्वस्थ भावना के साथ छात्राओं को प्रतिभागी बनने के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।विभिन्न प्रतियोगिताओं के निर्णायक गण डॉ. मनीषा जोशी, डॉ. ललिता गोयल, डॉ. निधि गुप्ता, डॉ. अंतरा किरकिरे का स्वागत संस्था की प्राचार्य डॉ. चंदा तलेरा जैन और भारतीय ज्ञान परम्परा प्रकोष्ठ की नोडल अधिकारी डॉ. निशा मोदी एवं प्रकोष्ठ के सदस्यों द्वारा किया गया। आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस हम सभी के लिए, सभी शैक्षणिक प्रयासों में मातृभाषा के महत्व का झंडा बुलंद करने, सीखने की गुणवत्ता बढ़ाने और वंचितो तक पहुँचने का अवसर है। डॉ. मोदी ने कहा, "विविधताओं भरी वसुन्धरा पर लगी भाषाओं की फुलवारी है। सीखना है हम सबको, सभी मातृभाषाएँ हमें प्यारी है।" वर्तमान परिदृश्य में छात्राएं बहुमुखी प्रतिभा की धनी है। विविध प्रतियोगिताओं में सम्मिलित छात्राओं ने देश के गौरवशाली इतिहास, वर्तमान और भविष्य की अभिव्यक्ति निबन्ध और भाषाण में अपनी ओजस्वी वाणी के माध्यम से दी और बताया मातृभाषा व्यक्ति के सर्वागिण विकास की आधारशिला है। मनुष्य को जिस भाषा का ज्ञान होता है, उसी भाषा में उसकी प्रज्ञा में अपना प्रकाश उतरते हैं।
प्रमुख निर्णायक डॉ. मनीषा जोशी ने छात्राओं को साहित्यिक एवं मातृभाषा संबन्धित प्रतियोगिता में प्रस्तुति देते समय ध्यान रखने वाले नियमों और सावधानियों की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ. निधि गुप्ता ने किया।आभार डॉ. निशा मोदी के द्वारा किया गया। महाविद्यालयीन मीडिया प्रभारी डॉ. अंतिमबाला शास्त्री ने यह जानकारी प्रेषित की।
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