Breaking

Your Ads Here

Thursday, March 6, 2025

8वें तीर्थंकर भगवान का निर्वाण दिवस धूमधाम के साथ मनाया

 


नित्य संदेश ब्यूरो

मेरठ। आंनदपुरी स्थित दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में प्रातः काल जैन धर्म के 8वें तीर्थंकर श्री चंद्रप्रभु भगवान का निर्वाण दिवस बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया। सर्वप्रथम इंद्रों द्वारा चंद्र प्रभु भगवान को पांडुक शिला पर विराजमान कर अभिषेक किया गया, शांति धारा का सौभाग्य सुनील जैन प्रवक्ता को प्राप्त हुआ।

तत्पश्चात श्री देव शास्त्र गुरु, श्री महावीर भगवान तथा श्री चंद्रप्रभु भगवान की पूजा की गई। उसके पश्चात निर्वाण कांड पढ़कर भगवान के निर्वाण दिवस पर 21 किलो का सामूहिक लाडू भक्तों द्वारा चढ़ाया गया। जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर चन्द्रप्रभु जी वाराणसी चंद्रपुरी के सम्राट राजा महासेन एवं रानी सुलक्षणा के सुपुत्र थे। उनका जन्म पौष कृष्ण पक्ष की द्वादशी/ बारस तिथि के दिन चन्द्रपुरी में हुआ। उनके जन्म के समय चंद्रमा के समान रंग होने के कारण आपका नाम चंद्रप्रभु रखा गया। आसमान में तड़कती बिजली को देखकर प्रभु के मन में विचार आया कि यह जीवन क्षणभंगुर है। अतएवं इस नश्वर राजपाट को त्याग कर वैराग्य धारण कर आत्म कल्याण करना चाहिए। राजपाट से वैराग्य धारण करने वाले भगवान चन्द्रप्रभु ने श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन सम्मेद शिखर स्थित ललितकूट नामक टोंक से निर्वाण प्राप्त किया था। शाम को रत्नमयी मांडले पर रत्नमयी दीपों को अर्पित करते हुए 64 दीपकों से आरती की गई। इन क्रियाओं में अचल जैन, अरुण जैन, अतुल जैन, राजीव जैन तथा सत्येंद्र जैन का सहयोग रहा।

No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here