-एमएसडीई और नीति आयोग
ने महिलाओं की उद्यमशीलता संबंधी आकांक्षाओं को बढ़ावा देने और पोषित करने के लिए
एक परिवर्तनकारी पहल ‘स्वावलंबिनी’
को लॉन्च करने के लिए साझेदारी की
शाहिद खान/राहुल गौतम
नित्य संदेश, मेरठ। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने नीति आयोग के सहयोग से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाषचंद बोस सभागार में महिला उद्यमिता कार्यक्रम स्वावलंबिनी की शुरुआत की, जो भारत में महिला उद्यमिता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन्स (एचईआई) में महिला छात्रों को अपने उद्यम को सफलतापूर्वक बनाने और बढ़ाने के लिए आवश्यक उद्यमशीलता माइंडसेट, रिसोर्सेज और मेंटरशिप प्रदान करके सशक्त बनाती है।
कौशल विकास और
उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा
मंत्रालय के राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, “स्वावलंबिनी महिला उद्यमिता कार्यक्रम एक पहल है, जिसका उद्देश्य युवा
महिलाओं को अपना बिजनेस स्थापित करने के लिए आवश्यक कौशल और आत्मविश्वास के साथ
सशक्त बनाना है। हम उन कार्यक्रमों से आगे बढ़ना चाहते हैं जो महिलाओं को योजनाओं
के लाभार्थियों के रूप में सूचीबद्ध करते हैं। हम महिलाओं के नेतृत्व वाली विकास
पहल की ओर बढ़ना चाहते हैं और यही हमारे प्रधानमंत्री का संकल्पना भी है। भारत की
प्रगति के लिए महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण हैं। असीमित संभावनाओं की कल्पना
करें, यदि हम बाधाओं को तोड़ें और महिलाओं को सही रिसोर्सेज, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करें तो हम उनकी वास्तविक क्षमता को
बढ़ा सकते हैं। महिला सशक्तिकरण सिर्फ एक आर्थिक आवश्यकता नहीं, बल्कि एक सामाजिक
परिवर्तन है। जब एक महिला सशक्त होती है तो वह अपने परिवार, अपने
समुदाय और पूरे देश का उत्थान करती है।” उन्होंने यह भी कहा,
"भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से भारत के
युवाओं को समान अवसर प्रदान करने पर लगातार ध्यान केंद्रित किया है, जिससे उन्हें अपने करियर में सीखने और उत्कृष्टता प्राप्त करने का विज़न
मिला है। हम अपने देश के युवाओं में जागरूकता पैदा करने और उन्हें अपस्किल करने के
लिए स्कूलों और कॉलेजों में एआई से संबंधित करिकुलम के साथ एक पाठ्यक्रम शुरू करने
के लिए तत्पर हैं।” एमएसडीई
के तत्वावधान में और नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्मॉल बिज़नेस
डेवलपमेंट (निस्बड) द्वारा कार्यान्वित तथा नीति आयोग के साथ संयुक्त साझेदारी में स्वावलंबिनी का उद्देश्य युवा महिलाओं के
लिए एक संरचित और चरणबद्ध उद्यमशीलता यात्रा स्थापित करना है। यह कार्यक्रम
प्रतिभागियों को अवेयरनेस बिल्डिंग,
स्किल डेवलपमेंट, मेंटरशिप और फंडिंग स्पोर्ट सहित विभिन्न चरणों से गुज़रेगा। महिलाओं के
नेतृत्व वाले आशाजनक उद्यमों को बढ़ावा देने और मान्यता देकर यह पहल भारत में महिला उद्यमिता के भविष्य के लिए एक मानक स्थापित
करना चाहती है। आईआईटी
भुवनेश्वर, ओडिशा में उत्कल यूनिवर्सिटी, गुवाहाटी यूनिवर्सिटी, नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी
(एनईएचयू), कियांग नांगबा गवर्नमेंट कॉलेज, रिभोई कॉलेज, मिजोरम यूनिवर्सिटी, गवर्नमेंट चंपई कॉलेज, लुंगलेई गवर्नमेंट कॉलेज, हांडिक कॉलेज और दिसपुर कॉलेज सहित पूर्वी क्षेत्र के कई उच्च शिक्षण
संस्थानों में इसकी सफल शुरूआत के बाद स्वावलंबिनी
को अब देश के अन्य क्षेत्रों में विस्तारित किया जा रहा है।
कौशल विकास और
उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), तथा शिक्षा मंत्रालय के राज्य मंत्री जयन्त
चौधरी ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस कार्यक्रम ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद और मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी में
स्वावलंबिनी के वर्चुअल लॉन्च को भी चिह्नित किया, जिससे देश
के विभिन्न क्षेत्रों में इस पहल की पहुंच का विस्तार हो सके। यह कार्यक्रम युवा महिलाओं को विचार से लेकर सफल उद्यम निर्माण तक के
ट्रांजिशन में मदद करने के लिए एक स्ट्रक्चर्ड, मल्टी-स्टेज
ट्रेनिंग अप्रोच प्रस्तुत करता है। इसकी शुरुआत एंटरप्रेन्योरशिप अवेयरनेस
प्रोग्राम (ईएपी) से होती है, जो लगभग 600 महिला छात्रों को
फंडामेंटल एंटरप्रेन्योरियल कॉन्सेप्ट, मार्केट के अवसरों और
आवश्यक बिजनेस स्किल से परिचित कराने के लिए डिज़ाइन की गई दो दिवसीय वर्कशॉप है।
इसके बाद वूमेन एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम (ईडीपी) शुरू होता है,
जो 300 चयनित छात्रों के लिए 40 घंटे की प्रशिक्षण पहल है। ईडीपी
बिजनेस डेवलपमेंट, फाइनेंस पहुंच, मार्केट
लिंकेज, कंप्लायंस और कानूनी सहायता के महत्वपूर्ण पहलुओं को
शामिल करता है। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को अपने विचारों
को सस्टेनेबल बिजनेस वेंचर में बदलने में मदद करने के लिए छह महीने की मेंटरशिप और
हैंडहोल्डिंग सपोर्ट सिस्टम शामिल किया गया है।
लॉन्ग टर्म प्रभाव
सुनिश्चित करने के लिए, कार्यक्रम
में एक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) भी शामिल है, जहाँ
भाग लेने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों के फैकल्टी सदस्य पाँच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र
से गुजरते हैं। यह पहल शिक्षकों को अपने संस्थानों के भीतर इच्छुक महिला उद्यमियों
को सलाह देने और मार्गदर्शन करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करती है। इसके अलावा,
स्वावलंबिनी अवार्ड टू रिवार्ड्स पहल के माध्यम से कार्यक्रम से आगे
बढ़ने वाली सफल महिला उद्यमियों को पहचानेगी और पुरस्कृत करेगी, जो भविष्य के प्रतिभागियों को प्रेरित करेगी। यह कार्यक्रम महिलाओं के
नेतृत्व वाले उद्यमों के विकास का सहयोग करने के लिए वर्कशॉप, सीड फंडिंग और स्ट्रक्चर्ड मेंटरिंग का लाभ उठाएगा।
महिला उद्यमियों को
बढ़ावा देने वाले एक इकोसिस्टम की वकालत करके, स्वावलंबिनी उत्तर भारत और उससे आगे एक महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा करने के
लिए तैयार है। इस पहल का उद्देश्य ईडीपी-प्रशिक्षित प्रतिभागियों में से कम से कम
10% को सफल उद्यम स्थापित करते हुए देखना है, जो भारत में एक
आत्मनिर्भर, महिला-नेतृत्व वाले उद्यमशीलता लैंडस्केप के
बड़े विज़न में योगदान देता है। मेरठ, बनारस और तेलंगाना में
लॉन्च और पूर्व में सफल कार्यान्वयन के साथ, यह कार्यक्रम
महिलाओं को बिजनेस लीडर, इनोवेटर्स और परिवर्तन निर्माताओं
के रूप में सशक्त बनाना जारी रखता है। स्ट्रक्चर्ड ट्रेनिंग, मेंटरशिप और पॉलिसी सपोर्ट के माध्यम से, स्वावलंबिनी
देश में महिला उद्यमिता के भविष्य को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार है।
दो एमओयू पर हस्ताक्षर
इस अवसर पर, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एंटरप्रेन्योरशिप
एंड स्मॉल बिज़नेस डेवलपमेंट (निस्बड) ने स्किल डेवलपमेंट नेटवर्क (एसडीएन)
के साथ दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं जो फॉरेन कॉन्ट्रिब्युशन
(रेग्युलेशन) एक्ट, 2010 के तहत रजिस्टर्ड एक भारतीय
ट्रस्ट और भारत में वाधवानी फाउंडेशन के कार्यान्वयन भागीदार है; और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के साथ
उद्यमशीलता कौशल को बढ़ाने, पाठ्यक्रम विकसित करने और
प्रशिक्षण, वर्कशॉप और इन्क्यूबेशन सपोर्ट के माध्यम से
स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए, जिससे आर्थिक विकास के लिए
उद्यमिता शिक्षा और इकोसिस्टम डेवलपमेंट को मजबूत किया जा सके।
डब्ल्यूईएफ2025
रिपोर्ट लॉन्च
जयन्त चौधरी ने वर्ल्ड
इकोनॉमिक फोरम 2025 में अपनी भागीदारी पर एक रिपोर्ट "लीडिंग विद विजन फॉर
स्किल्स एंड इनोवेशन" भी लॉन्च की। यह बुकलेट स्किल डेवलपमेंट और इनोवेशन में
भारत की परिवर्तनकारी प्रगति पर प्रकाश डालती है, जो अपने कार्यबल को भविष्य के लिए तैयार क्षमताओं से लैस करने
की देश की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है। यह रिपोर्ट उभरती जॉब ट्रेड, उद्योग सहयोग और ग्लोबल स्किलिंग एजेंडा को आकार देने में भारत की भूमिका
पर डब्ल्यूईएफ2025 में आयोजित गोलमेज सम्मेलनों और पैनल चर्चाओं में साझा की गई
प्रमुख इनसाइट्स को रेखांकित करती है।
ये रहे मौके पर मौजूद
इस मौके पर श्रीशैल
मालगे (संयुक्त सचिव, कौशल
विकास और उद्यशीलता मंत्रालय), डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी (सांसद, राज्यसभा और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), डॉ. राज कुमार सांगवान (सांसद, लोकसभा, बागपत), चंदन चौहान (सांसद, लोकसभा, बिजनौर),
संगीता शुक्ला (कुलपति, चौधरी
चरण सिंह विश्वविद्यालय), धर्मेन्द्र भारद्वाज (एमएलसी, उत्तर प्रदेश), हाजी
गुलाम मुहम्मद (विधायक, सिवालखास),
गौरव चौधरी (जिला पंचायत अध्यक्ष, मेरठ) और सहयोगी संस्थान इस अवसर पर उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment