नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ. शोभित विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर विभाग द्वारा शनिवार को विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में *जैविक कृषि क्षेत्र में उद्यमिता विकास* पर एक विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित किया गया। यह व्याख्यान प्रसिद्ध जैविक कृषि विशेषज्ञ और पद्म श्री सम्मान से सम्मानित भारत भूषण त्यागी ने दिया।
भारत भूषण त्यागी को प्रधानमंत्री प्रगतिशील किसान पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। अपने 40 वर्षों के अनुभव के आधार पर उन्होंने जैविक कृषि क्षेत्र में उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं जैसे नीति, तकनीक, वित्तपोषण, उत्पादन, प्रसंस्करण, प्रमाणन और विपणन पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के बीच जैविक उत्पादों को बढ़ावा देकर **कृषि स्तर पर आय वृद्धि** के कई रणनीतिक उदाहरण प्रस्तुत किए।
उन्होंने बताया कि वे 1 लाख से अधिक किसानों को अपने **जैविक कृषि केंद्र, बुलंदशहर** में प्रशिक्षित कर चुके हैं और इस क्षेत्र में नीति निर्माण में भारत सरकार को सलाह देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को उनके जैविक कृषि केंद्र पर आमंत्रित किया और **शोभित विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर विभाग** के साथ दीर्घकालिक साझेदारी की इच्छा व्यक्त की।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. जयानंद, **एग्रीकल्चर विभाग के निदेशक प्रोफेसर डॉ. सहदेव सिंह जी**, और **डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर डॉ. अशोक कुमार गुप्ता जी** ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. जयानंद, ने कहा की शोभित विश्वविद्यालय का उद्देश्य छात्रों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और उद्यमशील बनाने के लिए प्रेरित करना भी है। यह व्याख्यान इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
**एग्रीकल्चर विभाग के निदेशक प्रोफेसर डॉ. सहदेव सिंह जी** ने अपने वक्तव्य में कहा, *"जैविक कृषि में उद्यमिता का विकास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक होगा। पद्म श्री भारत भूषण त्यागी जी का अनुभव हमारे छात्रों और शिक्षकों के लिए अत्यधिक प्रेरणादायक है।"*
इस व्याख्यान में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारियों, **एग्रीकल्चर विभाग** के छात्रों, शिक्षकों और **प्रबंधन अध्ययन स्कूल** के एमबीए (एग्रीबिजनेस) छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह कार्यक्रम छात्रों और शिक्षकों के लिए अत्यधिक प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक सिद्ध हुआ। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में एग्रीकल्चर विभाग के शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
No comments:
Post a Comment