नित्य संदेश। सिंथेटिक दूध और दूध में मिलावट के कारण स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं, विशेष रूप से लीवर और गुर्दे की सेहत पर। ये मिलावट अक्सर रसायन, यूरिया,सिंथेटिक रेजिन, सेनेटरी और अन्य हानिकारक तत्वों से की जाती है, जिन्हें दूध में मिलाकर उसका स्वाद, रंग और गुणवत्ता बढ़ाने की कोशिश की जाती है। हालांकि, इन मिलावटी तत्वों का सेवन शरीर पर कई तरह से नकारात्मक असर डाल रहे है।
लीवर और गुर्दे पर प्रभाव:
जब हम मिलावटी दूध का सेवन करते हैं, तो यह हमारे लीवर और गुर्दों पर अतिरिक्त दबाव डालता है। लीवर वह अंग है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है, और अगर दूध में रसायन होते हैं, तो ये विषाक्त तत्व लीवर की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा, गुर्दे का काम रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को छानना होता है, और मिलावटी दूध से गुर्दों पर भी अतिरिक्त बोझ पडता है, जिससे गुर्दे की बीमारी हो जाती है।
हॉर्मोनल असंतुलन:
मिलावटी दूध में हार्मोन और रसायनों की अधिकता होती है, जो हमारे शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन का कारण बन रही हैं। इससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं, जैसे त्वचा पर मुंहासे, मोटापा, मानसिक तनाव, इनफर्टिलिटी, थायराइड, अनियमित मासिक धर्म आदि।
एलर्जी और संक्रमण:
कई बार मिलावटी दूध में बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक तत्व भी होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं। यह विभिन्न प्रकार की एलर्जी, पेट की समस्याएं और संक्रमण का कारण बन रही हैं।
समाधान:
दूध से बने खाद्य पदार्थों का सेवन बंद करना होगा:.अगर आप सिंथेटिक मिल्क या दूध में मिलावट के कारण होने वाली समस्याओं से बचना चाहते हैं, तो सबसे अच्छा उपाय है कि आप दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थों का सेवन बंद कर दें। आज के युग में जिसमें पैसा ही सब कुछ है आप किसी से उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति आपको शुद्ध दूध सप्लाई कर रहा है अतः आपको अगर स्वस्थ रहना है तो दूध का सेवन बंद करना होगा।
स्वस्थ आहार का पालन करें:
अपने आहार में ताजे फल, सब्जियां, दालें, और साबुत अनाज शामिल करें। इससे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
स्वास्थ्य जांच कराएं:
यदि आपको किसी भी प्रकार के स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं महसूस होती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और *नियमित रूप से अपने लीवर और गुर्दे की जांच उसी पैथोलॉजी सेंटर पर कराएं ।जहां पर डॉक्टर उपलब्ध हो। कलेक्शन सेंटर पर नहीं कराएं।
इस प्रकार, सिंथेटिक दूध और दूध में मिलावट के कारण होने वाली समस्याओं से बचने के लिए मौसमी शुद्ध और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना जरूरी है। आपको अपनी जीवन शैली बदलनी पड़ेगी अन्यथा जीवन भर दवाई खानी पड़ेगी।
प्रस्तुति
डॉ. अनिल नौसरान
हेल्थ चेक डायग्नोस्टिक्स
1 शिवलोक कांप्लेक्स, जिला सहकारी बैंक के सामने, पश्चिमी कचहरी रोड, मेरठ।
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