नित्य संदेश ब्यूरो
परीक्षितगढ़। राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में बेटियों को यौन शोषण और इसे रोकने में पॉश एक्ट क्या भूमिका निभाता है इस विषय पर विधि जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया.
1090 वुमेन पुलिस हेल्प लाइन कौंसलर डॉ भावना शर्मा ने बताया कि भारत सरकार ने 2013 में यौन उत्पीड़न रोकने के लिए एक अधिनियम बनाया, जिसे पॉश एक्ट का नाम दिया गया, यौन उत्पीड़न क्या है? ये जानना भी जरुरी है. आवांछित शारीरिक संपर्क, यौन प्रस्ताव, अनुचित टिप्पणी, अश्शील सामग्री दिखाना यौन उत्पीड़न है. अगर हमारे साथ ऐसा हो रहा है तो महिला पुलिस में शिकायत लिखित या 1090 पर भी कर सकते हैँ. अब जानते हैँ शिकायत के बाद जाँच होती है सुलह कि संभावना है, कि आगे ऐसा नहीं होगा, ये भी सुलह कि बात महिला कि तरफ से ही जोगी, प्रश्न उठता है उत्पीड़न कितने प्रकार का होता है, ये दो प्रकार का होता है शारीरिक और मानसिक l शारीरिक में अनुचित स्पर्श, पीठ थपकना, गले लगाना, अन्य स्थान पर शरीर का स्पर्श, लात, थप्पड़ मारना l मानसिक उत्पीड़न एक प्रकार का कष्टदायी व्यवहार है, अपशब्दों का प्रयोग, अपमान जनक शब्द, चोट पहुँचाना है. लड़कियों को परेशान करने पर आईंपीसी धारा 354 के तहत एक्शन होता है, टॉर्चर करने पर आईपीसी कि धारा 94 काम करती है, बहला फुसलाकर ले जाने पर शिकायत धारा 498 लगती है.
पूछताछ और जाँच के बाद जाँच अधिकारी तय करता है कि शिकायत को बंद करना है या एफआईआर दर्ज करनी हैl इसी के साथ बच्चों ये भी ध्यान रखना है कि झूठी शिकायत होने पर सजा का भी प्रावधान है, सतर्क रहिए सुरक्षित रहिएl वरिष्ठ प्रवक्ता पूजा रानी ने बताया कि गुड टच और बैड टच को पहचानो बच्चों, तभी आप सुरक्षित हो, वरिष्ठ प्रवक्ता नीतू प्रेमी ने सभी का आभार व्यक्त किया कार्यशाला में प्रवक्ता अंकिता,डॉ सोनिया, रुपाली मिश्रा सीमा सैनी, रेणु चौधरी मौजूद रहे l
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