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Wednesday, January 29, 2025

30 श्रद्धालुओं की मृत्यु, 25 की हुई पहचान, 90 घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया, सरकार करेगी न्यायिक जाँच


मुख्यमंत्री योगी ने कहा, हम इस हादसे की न्यायिक जाँच करवाएंगे, कैसे घटना हुई, न्यायिक जाँच की टीम गठित की

सपना साहू 
नित्य संदेश, लखनऊ। कुंभ भगदड़ की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की घोषणा की गई है। सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार इस आयोग की अध्यक्षता करेंगे और पूर्व डीजीपी वीके गुप्ता तथा सेवानिवृत्त आईएएस डीके सिंह इस न्यायिक आयोग के सदस्य होंगे। इस भगदड़ की पुलिस जांच अलग से करेगी। प्रत्येक पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई। कुंभ में हुई दुखद घटना पर मीडिया को जानकारी देते हुए सीएम योगी काफी भावुक हो गए।
सीएम योगी ने कुंभ हादसे में भगदड़ के दौरान मरने वालो के आश्रितों को 25-25 लाख मुआवजे का एलान किया, सीएम ने 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग के गठन की भी घोषणा की, पुलिस भी जाँच करेगी, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, एलान करते हुए बेहद भावकु हुए सीएम योगी।

महाकुम्भ मेला क्षेत्र में हुए हादसे का अपडेट
▪️बुधवार देर शाम मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्ण ने मौनी अमावस्या के पर्व पर संगम नोज में हुए हादसे की विस्तृत जानकारी दी।  
▪️उन्होंने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त से पूर्व प्रातः एक बजे से 2 बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना। भीड़ के दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरीकेड्स टूट गए और लोग बैरीकेड्स लांघकर दूसरी तरफ आ गए और ब्रह्म मुहूर्त पर स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को कुचलना शुरू कर दिया। 
▪️शासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए भीड़ को हटाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन इसमें से दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई है। इनमें से 25 की पहचान हो चुकी है और शेष की शिनाख्त की जानी बाकी है। 
▪️मृतकों में कुछ लोग बाहर के प्रदेशों से हैं, जिसमें कर्नाटक से 4, असम से एक, गुजरात से एक है। कुछ घायलों को परिवार के लोग लेकर चले गए हैं तथा 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन के द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है। इस समय स्थिति सामान्य है। 
▪️29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। आज मेला प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल इंटरटेन नहीं किया। जो भी मुख्य स्नान पर्व हैं उस पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा।

मुख्य सचिव और डीजीपी कल घटनास्थल पर जाएंगे
यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार कल घटनास्थल पर जाएंगे और आगे की व्यवस्थाओं के लिए वहां समीक्षा बैठक भी करेंगे।

बंद किया गया लखनऊ-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग 
महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर संगम स्नान के लिए महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के चलते लखनऊ-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया है। हाइवे पर जगह-जगह बैरिकेडिंग लगा दिए गए हैं। दो पहिया वाहन चालकों को भी आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। जिले में प्रवेश कर चुके प्रयागराज जा रहे श्रद्धालुओं को जगह-जगह बनाए गए होल्डिंग एरिया में रोका जा रहा है।
सब इंस्पेक्टर की मृत्यु 
महाकुंभ मेले में ड्यूटी करने गए यूपी के कई थानों में थाना प्रभारी रह चुके अंजनी कुमार राय की भगदड़ में मृत्यु हो गई हैं। जब हादसा हुआ उस दौरान भगदड़ में अंजनी अन्य फंसे श्रद्धालुओं को बाहर निकाल रहे थे।

लंबा जाम लगा 
प्रयागराज के नगरीय क्षेत्र; जन परिवहन के केंद्रों; प्रयागराज शहर की सीमाओं व विभिन्न शहरों में प्रयागराज की ओर जाने वाले मार्गों को बंद करने से करोड़ों लोग सड़कों पर फँस गये हैं। लाखों वाहनों में करोड़ों लोग दसों किलोमीटर लंबे जाम में फँसे पड़े हैं। 
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए X पर पोस्ट किया:
श्रद्धालुओं के हताहत होने की घटना को दुखद बताया। घायलों को सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में भेजने और एयर एंबुलेंस से शिफ्ट करने की अपील की। मृतकों के शवों को परिजनों को सौंपने और उन्हें निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध करने की बात कही। बिछड़े हुए श्रद्धालुओं को मिलाने के प्रयास की आवश्यकता जताई। हेलीकॉप्टर के जरिए निगरानी बढ़ाने और मौनी अमावस्या के शाही स्नान को संपन्न कराने का आग्रह किया। श्रद्धालुओं से संयम और धैर्य रखने की अपील की और सरकार को इस घटना से सबक लेने की सलाह दी।श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन-पानी का प्रबंध करने और आहत लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
कवियित्री सपना सीपी साहू ने घटना की वजह बताई 
जल्दी स्नान करने की होड़ और कड़कड़ाती ठंड में भी प्रयागराज में श्रद्धालु पुण्य कमाने के चक्कर मे संगम के किनारे रेती पर ही जहां तहां लेट गए थे। वहां की भीड़ को देखकर कमिश्नर वीवी पंत को अंदाजा लग गया था कि यह आराम करती हुई भीड़ दुर्घटना और भगदड़ का कारण बन सकते है। उनका अंदाज बिल्कुल सही बैठा, हुआ भी यही. यदि वहां की श्रद्धालुओं की भीड़ यदि उनके इस अनुनय विनय को मानकर स्नान कर छटने लगती तो यह हादसा शायद नही होता। कमिश्नर यदि स्वयं ध्वनि विस्तारक यंत्र के साथ इतनी रात में मेला क्षेत्र में मौजूद है तो इससे बढ़कर प्रशासन की मुस्तेदी और सजगता का उदाहरण और क्या हो सकता है। कुछ हादसे नियति तय कर के ही रखती है उसके आगे किसी का जोर नही चलता।








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