नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज में स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता विनीत कोशल (कार्यक्रम अध्यक्ष), प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता, डॉ विनोद भारतीय (विभाग सह संघ चालक), एनएमओ मेरठ प्रांत के अध्यक्ष एवं मेडिकल कॉलेज मेरठ के अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ज्ञानेश्वर टोंक, एनएमओ की संघटन मंत्री एवं मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी विभाग की आचार्य डॉ ललित चौधरी, डॉ यशविंदर वर्मा (आचार्य टॉक्सिकोलॉजी विभाग मेरठ विश्वविद्यालय एवं संघचालक जागृति विहार) ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात् मेडिकल कॉलेज मेरठ के एम बी बी एस पाठ्यक्रम के विभिन्न सत्रों के छात्रों द्वारा राष्ट्र का गीत एवं विवेकानंद के जीवन पर आधारित लघु नाटिक कार्यक्रम द्वारा विवेकानंद जी के जीवन पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला l
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विनीत कौशल ने युवाओं विशेषकर मेडिकल के छात्र-छात्राओं को अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करते हुए राष्ट्र सेवा करने के विषय में अपने विचार रखे l उन्होंने बताया कि किस प्रकार अपने गुरु श्रीरामकृष्ण परमहंस का सानिध्य पाया एवं निराकार के दर्शन किये। उनकी शिक्षाओं पर चलते हुए किस तरह युवा शक्ति अपने चरित्र का निर्माण कर "स्वास्थ्य सेवा से राष्ट्र सेवा " में सार्थक योगदान दे सकते हैं l साथ ही साथ उन्होंने छात्रों को एकाग्र होकर अध्ययन करने एवं समाज सेवा से जुड़ने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ आर. सी गुप्ता ने बताया कि विवेकानंद जी बहुत कम उम्र में ही संन्यासी बन गए थे. पश्चिमी देशों को योग-वेदांत की शिक्षा से अवगत कराने का श्रेय स्वामी जी को ही जाता है। स्वामी विवेकानंद जी का असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, जिन्हें नरेन के नाम से भी जाना जाता है. बहुत कम उम्र में ही उनका झुकाव अध्यात्म की तरफ हो गया था स्वामी जी के चरित्र से आज के समय में युवाओं को सीख लेने की जरूरत है उनकी शिक्षाएं आज भी उसी प्रकार से प्रासंगिक है जिस प्रकार पूर्व में थीं।
उपरोक्त कार्यक्रम के अवसर पर मेडिकल कॉलेज के संकाय सदस्य डॉ एस के पालीवाल, डॉ प्रीति सिन्हा, डॉ विभु साहनी, डॉ सीमा जैन, डॉ अमरेन्द्र चौधरी, डॉ राहुल सिंह, मेडिकल कॉलेज मेरठ प्रशासनिक अधिकारी ओमपाल सिंह, राजकुमार शर्मा, लीलाधर कौशिक, मेडिकल कॉलेज मेरठ के विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं एवं कर्मचारीगण आदि ने प्रतिभाग किया गया।
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