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Friday, January 10, 2025

उद्यमी भावना के बढ़ावा देने के लिए हैकथॉन का लाभ उठाने पर कार्यशाला का हुआ आयोजन

 



नित्य संदेश ब्यूरो

मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के अनुसंधान विकास प्रकोष्ठ व बहुविषयक अध्ययन एवं अनुसंधान केन्द्र द्वारा एफआईटीटी, आईआईटी दिल्ली के सहयोग से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय उद्यमी भावना को बढ़ावा देने के लिए हैकथॉन का लाभ उठाना रहा। कार्यशाला में विद्यार्थियों को सफल उद्यमी बनने एवं स्टार्टअप हेतु मार्गदर्शन किया गया। कार्यशाला अध्यक्ष कुलपति मेजर जनरल डॉ. जीके थपलियाल ने कार्यशाला की सफलता हेतु अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।

कार्यक्रम का शुभारंभ सत्यजीत रे प्रेक्षागृह में प्रोग्राम मैनेजर बॉयोनेस्ट एफआईटीटी, आईआईटी दिल्ली से डॉ. प्राची बांगडे, एफआईटीटी, आईआईटी से मुस्कान महाला, कार्यशाला के सह अध्यक्ष डीन अकादमिक एवं अनुसंधान निदेशक प्रो. डॉ. एपी गर्ग, संयोजक डॉ. नेहा वर्मा, डॉ. पिंटू मिश्रा, डॉ. सोकिंद्र कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। प्रोग्राम मैनेजर बॉयोनेस्ट एफआईटीटी, आईआईटी दिल्ली से डॉ. प्राची बांगडे ने अपने सम्बोधन में कहा कि हैकथॉन में भाग लेने से उद्यमियों को अपने विचारों का परीक्षण करने और उन्हें व्यवहार्य बनाने में मदद मिलती है। इससे उद्यमी अपने तकनीकी कौशल और रचनात्मकता का प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सफल उद्यमी बनने हेतु नए विचारों के साथ मूल्यवान उत्पादों, सेवाओं, तकनीक प्रक्रियाओं आदि का ज्ञान आवश्यक है। एफआईटीटी, आईआईटी, दिल्ली से मुस्कान महाला ने कहा कि उद्यमशीलता बदलाव, सृजनात्मक, निपुणता और परिवर्तन से जुड़ी हैं। उद्यमशीलता अनुसंधान और विकास प्रणाली में योगदान देकर राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं। हैकथॉन देश के युवाओं को सशक्त बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। छात्रों को उनके समस्या-समाधान कौशल और नवाचार को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करके यह उन्हें भारत की विकास कहानी में सक्रिय योगदानकर्ता बनने के लिए प्रोत्साहित करता है। इससे रोजगार के क्षेत्र में अपार अवसर प्राप्त मिलते है।



कार्यशाला के सह अध्यक्ष, डीन अकादमिक एवं अनुसंधान निदेशक प्रो. डॉ. एपी गर्ग ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों में उद्यमी बनने के गुण रोपित करने के साथ स्टार्टअप हेतु उनका ज्ञान वर्धन करना है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के अनुसंधान विकास प्रकोष्ठ व बहुविषयक अध्ययन एवं अनुसंधान केन्द्र द्वारा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कि जा रहे है। कार्यशाला के विषय उद्यमी भावना को बढ़ावा देने के लिए हैकथॉन का लाभ उठाना के माध्यम से विशेषज्ञों द्वारा विकास के अवसरों चर्चा कर फंडिंग हासिल करने, प्रभावी बौद्धिक संपदा रणनीतियों को विकसित करने और सफलता के लिए नवाचार का लाभ पर जोर दिया गया।

उन्होंने कहा कि छात्रों शिक्षकों को उक्त चीजों के समाधान हेतु अपने नवीन विचारों पर आधारित कम्पटीशन में भाग ले सकते है, ताकि उनका विचार चयनित होता है तो अपोलो अस्पताल व आईआईटी दिल्ली उनका मार्गदर्शन करके स्टार्ट अप हेतु आगे मददे करें। धन्यवाद ज्ञापन कार्यशाला संयोजक डॉ. नेहा वर्मा ने दिया। अंत में कार्यशाला के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न पदाधिकारी एवं शिक्षक तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।

कार्यशाला में 6 विषयों पर सारगर्भित चर्चा की गयी

1- वास्तविक समय भाषा अनुवाद उपकरण विकसित करना जो स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और विभिन्न भाषाएं बोलने वाले रोगियों के बीच चिकित्सा वार्तालापों को सटीक रूप से लिपिबद्ध और अनुवाद कर सके, विशेष रूप से टेलीकंसल्टेशन के दौरान।

2- रोगी कक्ष में विद्यमान टीवी का उपयोग करके इन-रूम डिजिटल सूचना प्रणाली विकसित करें अथवा एलेक्सा, गूगल होम, सिरी आदि जैसे स्मार्ट स्पीकर का उपयोग करके महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि प्रवेश की तिथि, डॉक्टर के आने का समय, उपचार योजना, डिस्चार्ज की पुष्टि आदि की घोषणा करें।

3- स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को कागज आधारित चिकित्सा दस्तावेजों को डिजिटल प्रारूप में परिवर्तित करने में समय लेने वाली तथा त्रुटिपूर्ण मैनुअल प्रक्रिया से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिससे रोगी देखभाल में, विशेष रूप से टेलीमेडिसिन और गहन देखभाल में, बाधाएं उत्पन्न होती हैं।

4- एआई-संचालित उपकरणों के साथ बुजुर्ग देखभाल नर्सों को सशक्त बनाना जो वास्तविक समय की अंतर्दृष्टि और भावनात्मक संदर्भ को एकीकृत करते हैं, व्यक्तिगत देखभाल की जरूरतों को संबोधित करते हैं और रोगी के परिणामों में सुधार करते हैं।

5- अपोलो हॉस्पिटल्स में अंतर्राष्ट्रीय मरीजों के लिए भाषाई और सांस्कृतिक अंतर को पाटने, संचार और देखभाल नेविगेशन को सुव्यवस्थित करने के लिए एक बहुभाषी, संदर्भ-जागरूक एआई बॉट विकसित करना।

6- उपकरणों में बिजली की खपत से जुड़ी चुनौतियाँ। उक्त सभी विषय पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई

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