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Saturday, February 22, 2025

विश्वास न करने के कारण ही सती को अपनी देह का त्याग करना पड़ा: पंडित अंश वशिष्ठ





शाहिद खान

नित्य संदेश, मेरठ। प्रहलाद नगर स्थित रामलीला ग्राउंड में चल रही तृतीय दिवस की कथा में बाल कथा व्यास पंडित अंश वशिष्ठ वैदिक ने कपिल देवहूति संवाद, सती चरित्र, शिव विवाह, ध्रुव चरित्र, प्रहलाद चरित्र, गजेन्द्र मोक्ष एवं वामन अवतार का वर्णन किया।

बाल कथा व्यास ने कहा कि भगवान के चरित्रों को श्रवण मनन करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है। भगवान की कथा में श्रद्धा और विश्वास रखना चाहिए। सती के विश्वास न करने के कारण ही सती को अपनी देह का त्याग करना पड़ा, पुनः तप करने के पश्चात भगवान को प्राप्त किया। समुद्र मंथन से 14 रत्न निकले, इसी प्रकार से यदि हम अपने शरीर का मंथन करने पर भी रत्नों की प्राप्ति होती है। कथा में यजमान श्री पीपलेश्वर महादेव मंदिर प्रहलाद नगर के अध्यक्ष एडवोकेट प्रदीप गेरा एवं धर्मवीर कपूर रहें। इस मौके पर विजय आनंद, श्याम खन्ना, ओम प्रकाश मखीजा, इंदर खुराना, संजय अग्रवाल, अशोक पाहुजा, हरीश गुंबर, अवतार सिंह गुंबर, अभिनव अरोरा पार्षद आदि का सहयोग रहा।

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