नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छात्रवृत्ति वितरण में 12 साल पहले हुए 34 लाख गबन के मामले में मुस्ताक के विरुद्ध छात्रवृति गबन के मामले में उत्पीड़न/ नोटिस की कार्यवाही पर अगली तारीख तक रोक लगा दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह की अदालत ने याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी को सुनकर दिया। याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने दलील दी कि वर्ष 2009 से वर्ष 2012 में सरकार द्वारा 4 मदरसा (सिवाल हाईस्कूल, न्यू सिवाल इंटर कालेज, सिवाल मकतब, सिवाल फकोनिया) के प्रबंधक मुश्ताक अहमद के खाते में भेजी गई, छात्रवृत्ति 34 लाख रुपये भेजे जाने पर वितरण में पाई गई अनियमिताओं के कारण तत्कालीन मेरठ जिले के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शेषनाथ पांडेय ने पहली मूल एफ आई आर दर्ज कराया था।
अधिवक्ता ने बताया कि याची ने सरकार की गाइडलाइन के अनुसार मदरसा संचालको के खातों में छात्रवृत्ति भेजी थी, जो संचालक के द्वारा छात्रों को छात्रवृत्ति का वितरण नियमानुसार कर दिया गया था। याची के अधिवक्ता ने बताया कि पूर्व में ई ओ डब्लू के द्वारा दी गई नोटिस पर हाइकोर्ट के स्टे होने के बावजूद पुलिस याची को परेशान कर रही है। जिस पर न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने याची का स्टे प्रार्थना पत्र को निस्तारित करते हुए अगली सुनवाई की तारीख तक उत्पीड़न / नोटिस की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
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