-आईएमए मेरठ की ओर से आईएमए भवन में किया गया वार्षिक वैज्ञानिक सम्मेलन
बिनीत कुमार राय
नित्य संदेश, मेरठ। कार्डियक एरिदमिया वह स्थिति है, जब ह्रदय बहुत तेज, बहुत धीमी या अनियमित धड़कने लगता है। यह समस्या हल्के लक्षणों से लेकर अचानक ह्रदय गति रुकने (सडन कार्डियक अरेस्ट) तक हो सकती है, जिससे यह चिकित्सा क्षेत्र में एक गंभीर चुनौती बनी हुई है। मैक्स अस्पताल के ह्रदय रोग विभाग के वरिष्ठ निदेशक डॉ. अमित मलिक के अनुसार, कार्डियक एरिदमिया के सही समय पर पहचान और प्रभावी प्रबंधन से जानलेवा स्थितियों को रोका जा सकता है।
उन्होंने बताया कि हाल
के वर्षों में व्यायाम के दौरान या खेल आयोजनों के दौरान युवाओं में अचानक मृत्यु की
घटनाएं बढ़ रही हैं। इन अधिकतर मामलों में कार्डियक एरिदमिया मुख्य कारण होता है। हालांकि,
समय पर निदान और उचित उपचार से इस घातक स्थिति को टाला जा सकता है। आज के समय में वैज्ञानिक
प्रमाणों पर आधारित आधुनिक रणनीतियाँ कार्डियक एरिदमिया के प्रभावी प्रबंधन में मददगार
साबित हो रही हैं। दवा उपचार, कैथेटर एब्लेशन, इम्प्लांटेबल कार्डियक डिवाइसेस, पेसमेकर,
ऑटोमैटिक इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफिब्रिलेटर, जोखिम कारक संशोधन से हम मृत्यु
दर को घटा सकते हैं। डा. मलिक ने बताया कि सामुदायिक जागरूकता, CPR प्रशिक्षण और उन्नत
स्क्रीनिंग तकनीकों जैसे कि वियरेबल डिवाइसेस (पहनने योग्य उपकरण) कार्डियक एरिदमिया
के शीघ्र निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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