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Sunday, February 23, 2025

गीत



नित्य संदेश।

हुआ कुंभ भगवा मय एकदम 

करिखा पुता पिशाचन को ।

जुटे सनातनी संगम तट पर 

अच्छा लगा सनातन को ।

 हुआ कुंभ।।।।

कोशिश किए बहुत सब लेकिन

सफल नहीं कुछ काम हुआ।

पैनी दृष्टि रही समय पर

दुष्टों से संग्राम हुआ।

दो जन ने इतिहास रच दिया।

ठोकर दिया दुशासन को ।

हुआ कुंभ।।

लाखों को रोजगार मिल गया ।

अरबों का व्यापार हुआ ।

भारत विश्व गुरु बन बैठा ।

देखो जरा सिंहासन को ।

हुआ कुंभ।।।।।

महा कुंभ की पावन धरती 

से संदेश गया जग को ।

हिला नहीं सकता अब कोई भारत माता के पग को ।

जो विस्तार हुआ भारत का ।

जाता है श्रेय शासन को ।

हुआ कुंभ ।।।


डॉ. सूर्य नारायण शूर 

कानून मंत्री भारत सरकार द्वारा सम्मानित।

अधिवक्ता इलाहाबाद उच्च न्यायालय।

9984725044

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