सपना साहू
नित्य संदेश, इंदौर। वामा साहित्य मंच
के तत्वावधान में कथाकार व कवयित्री दामिनी सिंह ठाकुर की दूसरी पुस्तक नीला
गुलमोहर (कहानी संग्रह) का लोकार्पण हुआ।
कार्यक्रम
का प्रारंभ सरस्वती वंदना से आशा मुंशी ने किया। मुख्य अतिथि मनीष वैद्य ने कहा कि
धरती और स्त्री के सुख एक से हैं, आज नीले रंग का उत्सव है, नीला गुलमोहर, नीला रंग इस संग्रह में प्रतीकात्मक
हो गया है। दामिनी की कहानियां वायवीय नहीं बल्कि,
यथार्थपरक हैं। नीला रंग दुख का
रंग है, हमारी पुरखों से होते हुए वे आज की स्त्रियों तक आया है।
कहानियां छोटी है, किंतु कैनवस बड़ा है, स्त्रियां विस्थापित होती है किंतु इस विषयों पर कोई चर्चा
नहीं होती। चर्चाकार पद्मा राजेन्द्र ने
दामिनी के नीले गुलमोहर पर समीक्षात्मक दृष्टिकोण को रखा और बताया कि कहानियां
अपने समाज का सच उजागर करती हैं। इस पूरी किताब में सभी कहानियों में रिश्ते हैं
प्रतीक ही बिंब हैं, और कहानियां अपना संदेश देने में
सफल रही हैं। सभी कहानियां विभिन्न विषयों से होते हुए बड़े फलक की कहानियां हैं। अध्यक्षता कर रहे वल्लभ विजयवर्गीय (साहित्यकार, अधिवक्ता) ने कहानियों के विषय पय प्रकाश डाला। वे बोले
नारी अपने आप में अद्वितीय है। उसके विषय में जितना कहा जाए थोड़ा है, वह जीवन की धूरी है और दामिनी नारी जीवन के श्रेष्ठ पहलूओं
को छूने में कामयाब रही है।
साहित्य
अकादमी निदेशक डॉ. विकास दवे ने ऑडियो संदेश के माध्यम से समाज में आ रहे परिवर्तन
पर स्त्रियों की स्वतंत्रता की जो गलत व्याख्या देखने को मिल रही है उस पर दामिनी
सिंह की लिखी कहानी को सराहनीय बताते हुए उनके लेखन की प्रशंसा की। साथ ही वामा
साहित्य मंच की नूतन कार्यकारिणी को बधाई भी दी। कार्यक्रम के आयोजनकर्ता पवन सिंह
ठाकुर रघुवंशी तथा वामा साहित्य मंच की अध्यक्ष ज्योति जैन, सचिव स्मृति आदित्य सहित बड़ी संख्या में वामा सखियों ने
अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। वामा साहित्य मंच, हिंदी साहित्य परिवार ने दामिनी
ठाकुर का अभिनंदन पुष्प गुच्छों व माला से किया। कार्यक्रम का संचालन प्रीति दूबे
ने किया व आभार रुपाली पाटनी ने व्यक्त किया।
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