-रमजान को लेकर हेल्थ चेक
डायग्नोस्टिक्स एवं आईएमए के पूर्व सचिव ने जारी किया बयान
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। हेल्थ चेक डायग्नोस्टिक्स एवं
आईएमए के पूर्व सचिव डॉ. अनिल नौसरान ने सोमवार को बयान जारी किया, उन्होंने रमजान
माह के बारे में बताया। कहा कि रोज़े का महीना यानी रमजान, आत्मनिर्भरता और आत्म-नियंत्रण
का समय होता है। इस महीने में स्वास्थ्य को बनाए रखना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि दिन
भर के उपवासी से शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं। एक चिकित्सक के दृष्टिकोण से रोज़ेदार
को सही आहार लेने और कुछ आवश्यक एतिहात बरतने की सलाह दी जाती है, ताकि शरीर को आवश्यक
पोषण मिले और स्वास्थ्य में कोई गड़बड़ी न हो।
डा. नौसरान ने बताया कि
सहरी में पौष्टिक और हल्का भोजन खाएं, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहे। इसमें प्रोटीन,
फाइबर और जटिल कार्बोहाइड्रेट्स जैसे ओटमील, दही, अंडा, अंकुरित अनाज, फल और हरी सब्जियां
शामिल कर सकते हैं। ज्यादा मसालेदार और तला-भुना भोजन न खाएं, क्योंकि ये जल्दी पचते
नहीं और प्यास को बढ़ाते हैं। खजूर, फल और तरल पदार्थ जैसे पानी, केले पपीते चीकू आदि
की स्मूदी या जूस भी सहरी में शामिल करें। रोजेदार को प्रयास करना चाहिए कि दिनभर कम
से कम बोलने की कोशिश करें, ताकि कम प्यास लगे और थकावट कम हो। इफ्तार में हल्का और
संतुलित भोजन करें। शुरुआत खजूर, ताजे फलों के जूस से करें, क्योंकि ये शरीर को तुरंत
ऊर्जा प्रदान करते हैं। और पानी की आपूर्ति भी पूरी हो जाती है। इसके बाद सूप, सलाद
और या ब्राउन राइस जैसे हलके भोजन को प्राथमिकता दें। तला-भुना और भारी भोजन से बचें,
क्योंकि ये पाचन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। पानी भरपूर मात्रा में पिएं ताकि
शरीर हाइड्रेटेड रहे। रोज़े के दौरान पानी की कमी से शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकता
है, जिससे सिरदर्द, कमजोरी और चिड़चिड़ापन हो सकता है, इसलिए इफ्तार से लेकर सहरी तक
पर्याप्त पानी पिएं। पानी की कमी होने से पेशाब का रंग पीला होने लगता है।
मधुमेह (Diabetes): अगर
आपको शुगर की समस्या है, तो आपको विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। सहरी और इफ्तार में कार्बोहाइड्रेट्स
का सही चुनाव करें और नियमित रूप से शुगर लेवल की निगरानी करें।
उच्च रक्तचाप
(Hypertension): ज्यादा नमक और तला-भुना खाना ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है, इसलिए कम
नमक और ज्यादा ताजे फल-सब्जियां खाएं।
पेट समस्या: अगर किसी को
पेट की समस्याएं हैं (जैसे एसिडिटी, गैस या कब्ज) तो फाइबर युक्त भोजन जैसे साबुत अनाज,
हरी पत्तेदार सब्जियां और फल शामिल करें। भारी भोजन से बचें।
व्यायाम: रोज़े के दौरान
हल्का व्यायाम जैसे चलना, साइकिल चलाना या योगा कर सकते हैं, लेकिन बहुत अधिक शारीरिक
मेहनत से बचें, क्योंकि यह शरीर को थका सकता है। इफ्तार के बाद थोड़ी देर हलके व्यायाम
का अभ्यास करें।
नींद और आराम: रमजान के
दौरान नींद का चक्र बदल सकता है। शरीर को आराम की आवश्यकता होती है, इसलिए पर्याप्त
नींद लेने का प्रयास करें, ताकि ऊर्जा बनी रहे और शरीर पूरी तरह से रिचार्ज हो सकें।
अपील: इन उपायों को ध्यान
में रखते हुए रमजान के महीने का सही तरीके से पालन कर सकते हैं और अपने स्वास्थ्य का
भी ख्याल रख सकते हैं। माह ए रमजान अल्लाह द्वारा दिया गया वह महीना है, जिसमें आप
अपने आप को स्वस्थ कर सकते हैं और जब आप स्वस्थ होंगे तो आप प्रसन्नचित होंगे।
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