सपना साहू
नित्य संदेश, भोपाल। अध्यात्मिकता और संस्कृति को मनाने के एक अनुठे अवसर पर मध्य प्रदेश के संस्कृति विभाग के द्वारा भोपाल में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय गीता महोत्सव ने बुधवार को एक ही समय पर सबसे बड़े हिंदु ग्रन्थ पठन के लिए गिनीज विश्व कीर्तिमान स्थापित किया।
इस पहल का आयोजन भगवद्गीता की अजरामर शिक्षा के
प्रसार तथा मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने हेतु किया गया। बड़े
कार्यक्रमों और कीर्तिमान स्थापन करने की पहलों के के मशहूर सलाहकार निश्चल बरोट
की अगुवाई में इस गिनीज विश्व कीर्तिमान का आयोजन किया गया तथा उस पर क्रियान्वयन
किया गया। उनके परिपूर्ण समन्वयन से यह महत्त्वाकांक्षी पहल आसानी से क्रियान्वित
की जा सकी और मध्य प्रदेश को वैश्विक मान्यता मिली। इस उपलब्धी पर बोलते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, इस ऐतिहासिक उपलब्धी पर हमारे लोगों की सांस्कृतिक और अध्यात्मिक गहराई
दर्शाती है। भगवद्गीता मनुष्य जाति के लिए एक शाश्वत मार्गदर्शिका है और इस समारोह
द्वारा हमने ना सिर्फ उसकी शिक्षा का पर्व ही नहीं मनाया है, बल्की एकता, स्वयं- अनुशासन और वैश्विक सौहार्द के उसके मूल्यों से और जुड़ने के लिए भी
प्रेरणा दी है।”
विश्व कीर्तिमान सलाहकार और विशेषज्ञ निश्चल
बरोट ने कहा, भारतीय राज्य के साथ इतने
करीब से जुड़कर काम करना और गिनीज विश्व कीर्तिमान स्थापित करना असाधारण है। इस
उपलब्धी से सिर्फ हमारी सांस्कृतिक समृद्धि ही नहीं दिखाई देती है, बल्कि इससे हमारी संगटन क्षमता और वैश्विक आकांक्षा भी दिखाई देती है। कीर्तिमान बनाने के लिए मध्य
प्रदेश और अन्य राज्यों के साथ काम करने के लिए हम तत्पर हैं।
इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री
डॉ. मोहन यादव अध्यक्ष थे और कार्यक्रम में एक भगवद्गीता के वचनों का एक ही समय पर
अविश्वसनीय पैमाने पर 3,721 सहभागियों ने साथ मिलकर पठन कियाद्य इस समारोह में सभी
क्षेत्रों से जुड़े विभिन्न लोग भारत की अध्यात्मिकता की परंपरा पर होने वाली अपनी
श्रद्धा के साथ सम्मीलित हुए, यह उल्लेखनीय उपलब्धी मध्य प्रदेश के लिए सम्मान की बात है तथा जागतिक स्तर
पर भगवद्गीता की सीखावन के प्रसार और उसे बनाए रखने के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता
इससे स्पष्ट होती है। इस कल के कीर्तिमान ने
निश्चल बरोट के गिनीज विश्व कीर्तिमानों के उच्च स्तर के पोर्टफोलिओ को 52 तक
बढाया है। राज्यों और केन्द्र सरकार
के साथ मिलकर बड़े स्तर के कीर्तिमानों के प्रयास का आयोजन और प्रबन्धन करने में वे
आज सबसे आगे हैं। उनके कौशलों में कीर्तिमान बनाने योग्य कल्पनाओं का निर्माण, व्यापक जनता के सहभाग को जुटाना, सबूत से जुड़े अनुपालना की पूर्ति और सफल परिणाम हासिल करना सम्मीलित है।
वचनों का कीर्तिमान स्थापन करने के अलावा गीता
महोत्सव के समारोह में भगवद्गीता की सीख को दर्शाने वाली सांस्कृतिक पेशकश तथा
अध्यात्मिक प्रस्तुतियाँ भी की गईं। इस उत्सव पर्व में हजारो सहभागियों ने सहभाग
लिया। भक्त और विद्वज्जन साथ
मिलकर इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी बने। इस सफल गिनीज विश्व कीर्तिमान के प्रयास ने मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर
को विश्व के सामने ही नहीं ला दिया है, वरन् भारत की अध्यात्मिक धरोहर के संवर्धन और उसके संस्मरण में भी उसे अग्रणि
स्थान पर स्थापित कर दिया है।
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