अनम शेरवानी
नित्य संदेश, मेरठ। स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद चेयर द्वारा स्वामी विवेकानंद शोध पुस्तकालय में साहित्य समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता पुस्तकालय विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. सुधीर त्यागी ने की। उन्होंने चेयर कार्यालय का दौरा कर कार्यक्रम का अवलोकन किया।
बैठक का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के समक्ष विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर त्यागी व चेयर की संयोजिका डॉ. मोनिका मेहरोत्रा ने पुष्पांजलि अर्पित कर किया। चेयर की संयोजिका डॉ. मोनिका मेहरोत्रा ने अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया और चेयर के उद्देश्यों से सभी को रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि चेयर के पास स्वामी विवेकानंद के जीवन और शिक्षाओं पर आधारित समृद्ध साहित्य का भंडार है। उन्होंने आगामी पुस्तक बैंक योजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत छात्रों को स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित पुस्तकें निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी।
विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर त्यागी ने अपने संबोधन में पुस्तकालय की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद शोध पुस्तकालय जैसा शांत और संरक्षित स्थान छात्रों को अपने तरीके से अध्ययन करने, आत्मचिंतन करने और शैक्षणिक व व्यक्तिगत विकास में सहायक संसाधनों तक पहुंच प्रदान करता है। उन्होंने पुस्तकालय के विभिन्न लाभों को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि आत्मअध्ययन और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देना चाहिए इसके लिए पढ़ने, कला गतिविधियों में शामिल होने और शैक्षिक सामग्री सुनने के लिए गोपनीयता और शांति प्रदान करना आवश्यक है। शिक्षकों और अध्ययन समूहों के लिए सहयोगात्मक वातावरण प्रदान भी आत्यंत प्रभावशाली है।
डॉ. त्यागी ने पुस्तकालयों की भूमिका को व्यक्तित्व निर्माण में महत्वपूर्ण बताते हुए स्वामी विवेकानंद के शब्द उद्धृत किए कि “हम ऐसी शिक्षा चाहते हैं जिससे चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विस्तार हो और मनुष्य अपने पैरों पर खड़ा हो सके।”
विशेष अतिथि इतिहास विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. दुर्वेश पुंडीर ने स्वामी विवेकानंद के छात्र जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद एक उत्कृष्ट विद्यार्थी थे और दर्शन, विज्ञान, इतिहास, धर्म और साहित्य जैसे विभिन्न विषयों में रुचि रखते थे। वे भगवद गीता, रामायण, महाभारत, उपनिषद और वेद जैसे ग्रंथों के गहन पाठक थे। बैठक का समापन चेयर की संयोजिका डॉ. मोनिका मेहरोत्रा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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