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Tuesday, December 10, 2024

वशुदैव कुटुम्बकम के ध्येय वाक्य की प्रासंगिता को वर्णित किया

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ. अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी का आयोजन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के विधि अध्ययन संस्थान के सेमिनार हॉल में किया। कार्यक्रम का उदघाटन संस्थान के समन्वयक डा. विवेक कुमार जी द्वारा माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर किया।   

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विभाग के समन्वयक डा. विवेक कुमार ने भारतीय परिपेक्ष्य में मानव अधिकार के बारे में बताते हुये वैदिक सन्दर्भ में तन, स्कृद्धि एवं जीवस को बताया तथा वशुदैव कुटुम्बकम के ध्येय वाक्य की प्रासंगिता को वर्णित किया। साथ ही उन्होने अन्तर्राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में मानव अधिकार की उदघोषणा UDHR (Universal Declaration of Human Rights) को सन्दर्भित करते हुए कहा की यह एक वैश्विक स्वीकृति थी जोकि मानव मात्र की रक्षा सुरक्षा और सम्वृद्धि के लिये की गयी थी।

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस घोषण के द्वारा मानव अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान किया है। इसके दृष्टिगत सभी देशों द्वारा मानव अधिकारो के संवर्धन हेतु विधियों का निर्माण किया गया है तथा पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश में हो रहे उल्लघन को अन्तर्राष्ट्रीय विधि का खुला उल्लघंन बताया और कहा कि वर्तमान में बाग्लादेश की परिस्थितियों पर सम्पूर्ण विश्व में चर्चायें हो रही है किन्तु इस पर एक सकारात्मक पहल की आवश्यकता है। जिससे की इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकें। इसी क्रम में कहा है कि बांग्लादेश के संविधान में आज भी सेक्युलर शब्द है जो उसके स्वरूप को भी सेक्युलर बनाता है किन्तु विधि का शासन न होने से इस विधि का प्रभाव वर्तमान में वहाँ नही दिख रहा है। वहाँ की सरकार को चाहिए कि इस पर सकारत्मक कार्य करें। 

कार्यक्रम में आशीष कौशिक ने विचार रखते हुये कहा कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना का मूल सिद्धान्त मूल मानव अधिकारों के प्रति पुष्टि करना है जिससे कि मानव प्रजाति की आने वाल पीढ़ियों को एक समृद्ध एवं सौहार्दपूर्ण समाज मिले। आज पूरे विश्व में तनाव का माहौल है चाहे वह देशों के बीच युद्ध, गृह युद्ध, आन्तरकि अंशान्ति व अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन जैसी स्थितियाँ बनी हुई है। मानव अधिकरों की रक्षा करना हर व्यक्ति के मुल कर्तव्यों में निहित है इस कर्तव्य का पालन करते हुये सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सकती है
 
डा. अपेक्षा चौधरी ने मानव अधिकारों से संबंधित राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय विधियों और उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला और कहा मानव अधिकार दिवस को मनाना अपने आप में एक सुखद अनुभूति है। मानव अधिकार दिवस 2024 कि थीम यह बताती है कि हमारे अधिकार हमारा भविष्य तय करते है। इसी क्रम में संस्थान के पुरातन छात्र ले0 डा0 कुलदीप एवं डा. पवन कुमार, सहायक आचार्य, शोभित विश्वविद्यालय ने मानव सभ्यता के शुभकामनाओं के साथ परिसर में रूद्राक्ष के दो पौधों का रोपण किया। 

कार्यक्रम में डा0 विकास कुमार ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डा0 सुदेशना द्वारा एवं कार्यक्रम का संचालन डा0 सुशील कुमार शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में संस्थान के समस्त शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की।

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