अपने अधिकारों से अवगत होकर लड़कियों को आत्म विश्वासी बनना चाहिए: डॉ. मीनाक्षी भराला
अनम शेरवानी
नित्य संदेश, मेरठ। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के सरदार पटेल प्रेक्षागृह में आंतरिक शिकायत समिति व सुभारती लॉ कॉलेज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला न्यायालय मेरठ के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय सेमिनार का विषय ‘‘लिंग आधारित हिंसा के उन्मूलन में शिक्षण संस्थानों की भूमिका एवं चुनौतियां‘‘ रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ मूटकोर्ट में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. मीनाक्षी भराला, एडीजे व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेरठ के सचिव उदयवीर सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.शल्या राज, प्रतिकुलपति डॉ. देवेन्द्र स्वरूप, डीन छात्र कल्याण डॉ.प्रदीप राघव, सुभारती लॉ कॉलेज के डीन डॉ.वैभव गोयल भारतीय एवं कार्यक्रम संयोजिका डॉ. रीना विश्नोई ने मॉ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
कार्यक्रम संयोजिका डॉ. रीना विश्नोई ने आधार व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति द्वारा विगत 25 नवम्बर से 16 दिवसीय विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम लिंग आधारित हिंसा उन्मूलन विषय पर आयोजित किये गए। जिनमें महिला हेल्प लाइन, लैंगिक समानता, महिला अधिकार, पोस्को एक्ट, भारतीय न्याय संहिता आदि के बारे में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों एवं आस पास के क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता प्रदान की गई।
राष्ट्रीय सेमिनार की मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. मीनाक्षी भराला ने कहा कि अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता शिक्षा के माध्यम से मिलेगी। उन्होंने कहा कि समाज की उन्नति में शिक्षण संस्थानों की अहम भूमिका है, लेकिन समाज के हर व्यक्ति को अपने दायित्व निभाने हेतु आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों से अवगत होकर लड़कियों को आत्मविश्वासी बनना चाहिए। उन्होंने महिला हेल्पलाइन 1090 के बारे में बताया कि कोई भी महिला 1090 नम्बर पर कॉल करके अपने विरूद्ध होने वाले शोषण या कोई भी समस्या की शिकायत कर सकती है। इसमें शिकायत करने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाती है एवं तुरन्त मदद मिलती है। उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा महिलाओं के हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से सभी को रूबरू कराया।
एडीजे व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेरठ के सचिव श्री उदयवीर सिंह ने कहा कि गरिमापूर्ण जीवन जीने के अधिकार ही मानव का अधिकार है। उन्होंने कहा कि लिंग आधारित हिंसा का आरंभ परिवार से ही होता है। जिसमें पति पत्नी विवाद, परिवार में लड़का लड़की में भेदभाव, भू्रण हत्या आदि जैसे मामले लिंग आधारित हिंसा को बढ़ावा देते है। इन सभी कारणों से हमारा सामाजिक ढांचा कमजोर हो रहा है। इसके निदान हेतु जागरूकता के साथ सामाजिक असमानता को दूर करना होगा। उन्होंने कहा कि लिंग आधारित हिंसा के उन्मूलन में शिक्षण संस्थानों की अति महत्वपूर्ण भूमिका है, छात्र जीवन से ही युवाओं में लैंगिक समानता व ट्रांसजेंडर के साथ दुर्व्यहार को रोकने व इसके प्रति जागरूकता प्रदान करने से समाज में बड़ा बदलाव अवश्य आएगा। उन्होंने सुभारती लॉ कॉलेज व विवि की आंतरिक शिकायत समिति द्वारा चलाए गए 16 दिवसीय लिंग आधारित हिंसा के प्रति उन्मूलन जागरूकता अभियान की सराहना की।
सुभारती लॉ कॉलेज के डीन डॉ.वैभव गोयल भारतीय ने कहा कि समाज में मानवाधिकार व लैंगिक समानता की स्थापना शिक्षा के साथ जागरूकता व नैतिकता के भाव से अपने दायित्वों का क्रियान्वयन से होगी। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों का उद्देश्य स्वतंत्रता, समानता और सम्मान के साथ रहने की स्थिति पैदा करने से है। मानव अधिकार समाज में एक ऐसा वातावरण निर्मित करते हैं, जिसमें सभी व्यक्ति समानता के साथ और मानवीय गरिमा के साथ निर्भय होकर जीवन जीने में सक्षम होते हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति लिंग आधारित हिंसा के प्रति सभी को जागरूक करने का कार्य कर रही है। उन्होंने पिछले 16 दिनों से चलाए जा रहे कार्यक्रम के समापन की घोषणा करते हुए कहा कि एक दूसरे के सम्मान व जागरूकता से ही मानवाधिकार व लैंगिक समानता सशक्त होगी।
प्रतिकुलपति डॉ. देवेन्द्र स्वरूप एवं डीन छात्र कल्याण समिति डॉ. प्रदीप राघव ने विश्वविद्यालय में लैंगिक समानता हेतु किये जा रहे कार्यो से सभी को अवगत कराया।
एना सिसोदिया ने मानव अधिकारों की सभी को शपथ दिलाई। राष्ट्रगान से कार्यक्रम का समापन हुआ। मंच का संचालन बीएएलएलबी की छात्रा जोया राव ने किया। इस अवसर पर आंतरिक शिकायत समिति के सभी सदस्य, विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय के पदाधिकारी व शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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