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Monday, December 16, 2024

पब्लिक रिलेशंस के क्षेत्र में युवाओं के लिए करियर की अपार संभावनाएं: प्रोफे.(डॉ.) राकेश रयाल



जनसंपर्क में करियर की संभावनाएं विषय पर सुभारती में विशेष व्याख्यान का हुआ आयोजन

अनम शेरवानी 
नित्य संदेश, मेरठः स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंपर्क विभाग में “जनसंपर्क के क्षेत्र में करियर के अवसर” विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी (नैनीताल) के स्कूल ऑफ मीडिया स्टडीज़ के निदेशक प्रोफे. (डॉ.) राकेश रयाल मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। 

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रोफे. (डॉ.) राकेश रयाल ने कहा कि जनसंपर्क मास कम्यूनिकेशन का एक महत्वपूर्ण भाग है क्योंकि किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए जनसंपर्क का कार्य किया जाता है। आसान शब्दों में यदि कहें तो जनसंपर्क किसी भी संस्था या व्यक्ति विशेष की ब्रांडिंग करने के लिए संदेशों को ठीक उसी तरह प्रसारित करने का कार्य करता है जैसे जनसंचार(मास कम्यूनिकेशन) में होता है। उन्होंने आगे कहा कि एक सफल जनसंपर्क अधिकारी बनने के लिए आपको अपनी संस्था जहां आप पीआरओ (जनसंपर्क अधिकारी) के रूप में कार्य कर रहे हैं के बारे में संपूर्ण जानकारी रखना जरूरी होता है। यदि आपके पास अपनी संस्था के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं होगी तो आप अपने संस्था की बेहतर ब्रांडिंग नहीं कर पाएंगे क्योंकि जन और संस्थान का हित ही जनसंपर्क का उद्देश्य होता है। इसके साथ ही डॉ. रयाल ने कहा कि जनसंपर्क के क्षेत्र में जाने वाले विद्यार्थी को संचार, लेखन और संबंध निर्माण कौशलों में महारत हासिल करनी चाहिए। इसी के साथ टीम वर्क और नेतृत्व कौशल को भी विकसित करना जरूरी है। सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग कौशल का ज्ञान आज के समय की जरूरत है।  

इस अवसर पर अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रोफे. (डॉ.) सुभाष चंद्र थलेडी ने कहा कि प्रोफेसर रयाल जनसंपर्क क्षेत्र के कुशल विशेषज्ञ हैं। डॉ. थलेड़ी ने कहा कि जनंसपर्क एक ऐसा क्षेत्र है जहां संगठनों एवं उनके लक्ष्यों को आम जनता और मीडिया के सामने प्रस्तुत करने का अवसर मिलता है। अतः जनसंपर्क अधिकारी की भूमिका संगठन की छवि बनाने और भविष्य में भी बनाए रखने में महत्वपूर्ण होती है। 
इस दौरान उपस्थित विद्यार्थियों ने बहुत ही धैर्य से प्रोफेसर रयाल को सुना और व्याख्यान के अंत में अपनी जिज्ञासाओं को प्रश्नों के रूप में रखकर उनको डॉ. रयाल से शांत करवाया। 

इस अवसर पर विभाग के प्रोफसर अशोक त्यागी, डॉ. प्रीति सिंह, राम प्रकाश तिवारी, शैली शर्मा व शिकेब मजीद आदि के साथ सभी विद्यार्थी मौजूद रहे।

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