अनम शेरवानी
नित्य संदेश, मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के लिंग संवेदीकरण प्रकोष्ठ द्वारा लिंग संवेदनशीलता एवं लिंग समानता के विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अतिथि वक्ता कर्नल हरीश कुमार ने लिंग संवेदीकरण व लैंगिक समानता के विषय पर सभी का ज्ञान वर्धन करते हुए विद्यार्थियों के साथ संवाद किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सत्यजीत रे प्रेक्षागृह में अतिथि वक्ता कर्नल हरीश कुमार, कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल, सुभारती मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.प्रदीप भारती गुप्ता, विश्वविद्यालय लिंग संवेदीकरण प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ.सारिक, डॉ.जैसमीन आनन्दाबाई, डॉ. पिन्टू मिश्रा व डॉ.सोकिन्द्र कुमार ने दीप प्रज्जवलन कर किया।
विश्वविद्यालय लिंग संवेदीकरण प्रकोष्ठ की प्रभारी डॉ.सारिक ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्य से अवगत कराया कि विश्वविद्यालय लिंग आधारित भेदभाव रहित वातावरण बनाने हेतु सजगता से कार्य कर रहा है। इस सम्बंध में समय समय पर सेमिनार, कार्यशाला व विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लैंगिक समानता के प्रति जागरूकता प्रदान की जा रही है।
कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति में कहा गया है कि जहां नारी की पूजा होती है, वहीं देवता निवास करते है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कारों ने नारी को सम्मानीय बताया है। उन्होंने कहा कि समाज का विकास तब ही हो सकता है, जब नारी और पुरुष के बीच भेदभाव समाप्त हो। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में लैंगिक समानता के प्रति प्रमुखता से कार्य हो रहा है। जिसमें लिंग संवेदीकरण प्रकोष्ठ, कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन एवं महिला सशक्तिकरण समिति द्वारा महिलाओं के प्रति भेदभाव व लैंगिक समानता हेतु कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने विशेष कहा कि बेटी बचाव, बेटी पढ़ाआंे के नारे को आत्मसात करते हुए विश्वविद्यालय कार्य कर रहा है।
अतिथि वक्ता कर्नल हरीश कुमार ने लिंग समानता और इसके महत्व के बारे में समझाया। उन्होंने कहा कि लिंग को सिर्फ स्त्री या पुरुष तक सीमित न किया जाए, इसका दायरा और भी बढ़ा है। पुरुष और महिला को समान भाव से सशक्त बनाने से लैंगिक समानता के उद्देश्य पूर्ण होते है। उन्होंने कहा कि लैंगिक समानता के साथ पुरातत्व व स्त्रीत्व के बारे में बात करनी चाहिए। जो स्त्री या पुरुष लिंग आधारित कमजोर है, उनके उत्थान हेतु हमें कार्य करने चाहिए। उन्होंने शिक्षा व संस्कारों को अपनाने के साथ एक दूसरे के प्रति सम्मान भाव से लैंगिक समानता को बल देने पर ज़ोर दिया।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अर्चना ने दिया। मंच का संचालन डॉ.निशा सिंह ने किया। कार्यक्रम में जेंडर चैम्पियन विद्यार्थियों को बैच वितरित किये गए। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी संकाय व विभाग के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।
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