नित्य संदेश ब्यूरो
देहरादून। आत्मरक्षा के गुण आत्मसात करना हर किसी विशेषकर महिलाओं के लिये बेहद जरूरी है। अगर इसे खेलों के माध्यम से हासिल किया जाये, तो सोने पे सुहागा जैसा होगा। वुशू वह खेल है, जो किसी को भी आंतरिक और बहय स्तर पर मजबूती प्रदान करने का काम करता है। हमें अपने मौजूदा और आने वाली पीढ़ी के लिये इस खेल को अपनाने पर जोर देना चाहिये।
मेरठ में महिला अधिकारों के प्रति सक्रिय रूप से कार्य कर रही अरूणोदय संस्था की अध्यक्षा अनुभूति चौहान ने उक्त उद्गार देहरादून में चल रही 38वें नेशनल गेम्स की वुशू प्रतियोगिता के दौरान बतौर विशिष्टि अतिथि सहभागिता करने के दौरान कहे। उनका यहां जिला वुशू संघ के अध्यक्ष सोहेल अहमद ने स्वागत किया। अनुभूति चौहान ने महिलाओं की सुरक्षा और उनके सशक्तीकरण के लिए वार्ता के दौरान वुशू के माध्यम से बालिकाएं और महिलाओं को सशक्त और बनाए जाने की वकालत की। कहा कि महिला और बालिकाएं अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी तभी बेहतर तरीके से उठा सकती हैं, जब वह आंतरिक और बहय रूप से अधिक मजबूत बन सकेगी। वुशू खेल का निरंतर अभ्यास इस कड़ी में बड़ी भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने सोहेल अहमद और पूरी टीम के साथ मिलकर यह निर्णय वार्ता में लिया कि आगे की रणनीति बनाकर महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाए। जिसमें वह आत्म सुरक्षा के गुणों का विकास कर सकें। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तराखंड के खेल मंत्री रहे। बताया कि इसमें मेरठ के 8 खिलाड़ियों सहित देश के 36 वुशू खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया।
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