अनम शेरवानी
नित्य संदेश, मेरठ। सुभारती समूह की संस्थापिका संघमाता डॉ. मुक्ति भटनागर की जयंती पर मेरठ एवं मवाना क्षेत्र में नि:शुल्क कंबल वितरण एवं दिव्यांगजन सहायता उपकरण का वितरण किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन संघमाता डॉ.मुक्ति ग्लोबल बुद्धिस्ट फाउण्डेशन एवं सुभारती समूह के संयुक्त तत्त्वावधान में विश्वविद्यालय के संस्कृति विभाग में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सुभारती अस्पताल के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ.कृष्णा मूर्ति, न्यासी अवनी कमल, डॉ. प्रदीप राघव, डॉ.सत्यम खरे एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. विवेक कुमार ने संघमाता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
शास्त्रीनगर गुरुद्वारा के ग्रंथिओं द्वारा शबद-कीर्तन एवं भंते डॉ. चंद्रकीर्ति द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया। इसके बाद सुभारती परिवार के सभी सदस्यों ने जरूरतमंदों को 500 कंबल एवं दिव्यांग सहायता उपकरणों का वितरण किया।
सुभारती अस्पताल के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ.कृष्णा मूर्ति ने कहा कि उनकी स्वर्गीय माता डॉ. मुक्ति भटनागर हमेशा रचनात्मक विचारों को प्रोत्साहित करती थी। उन्होंने बताया कि एक चिकित्सक होने के साथ ममतामयी शिक्षक, विवेकशील एवं प्रतिभावान अनुसंधान गाइड, चित्रकला, गायन एवं नृत्य में विलक्षण प्रतिभाशाली, प्रखर वक्ता व प्रेम सौहार्द की प्रतिमूर्ति के रूप में संघमाता ने सुभारती समूह की स्थापना कर समाज के उत्थान हेतु कार्य किए है।
न्यासी अवनी कमल ने कहा कि उनकी माता संघमाता डॉ. मुक्ति भटनागर हमेशा ज़रूरतमन्द की मदद करने व शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता के विचारों से जनमानस को लाभान्वित करने की पक्षधर रही। वह बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी होने के साथ समाज के उत्थान हेतु प्रमुखता से कार्य करती थी। आज सुभारती परिवार संघमाता डॉ.मुक्ति भटनागर के विचारों को आत्मसात कर देशहित में प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है।
कार्यक्रम संयोजक डॉ.विवेक कुमार ने संघमाता को नमन करते हुए बताया कि मेरठ एवं मवाना क्षेत्र में 500 जरूरतमंदों को कंबल एवं दिव्यांग सहायता उपकरण का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि संघमाता की जयंती के उपलक्ष्य में महाभोज शिविर का भी आयोजन किया गया।
इस अवसर पर आसिफ, राजकुमार सागर, वीरपाल, प्रधान संतर्पाल सिंह, कुलदीप नारायण शर्मा, विपिन सकोती, सतीस कुमार, अनंत खेपड़, हरप्रीत मान जसविंदर सिंह, अभिषेक मलिक गौरव बैसला सतेंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment