नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ. ''सैयदा तब्सुम नादकर न सिर्फ मुंबई में बल्कि मुशायरों की दुनिया की सशक्त हस्ताक्षर हैं. आपने कथा साहित्य के क्षेत्र में भी योगदान दिया है। उनके अलावा मशहूर शायरा और कथाकार तलत सरोहा ने उर्दू शायरी के क्षेत्र में अपनी अनूठी पहचान बनाई है.'' ये कहना था प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी का जो काव्य संध्या में अध्यक्षीय भाषण दे रहे थे.
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिष्ठित कवयित्री और प्रसिद्ध कथा लेखिका सैयदा तब्बुसुम नादकर (मुंबई) ने और तलत सरोहा (सहारनपुर) ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। डॉ. अलका वशिष्ठ ने स्वागत, डॉ. शादाब अलीम ने निज़ामत और डॉ. इरशाद सयानवी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर तलत सरोहा ने अपना भाषण प्रस्तुत करते हुए कहा, सैयदा नादकर ने उर्दू विभाग का दौरा कर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इतने कम समय में इतना भव्य आयोजन करना असलम जमशेदपुरी की खूबी है। तब्सुम नादकर ने उर्दू विभाग की साहित्यिक गतिविधियों की सराहना की। इस मौके पर डॉ. आसिफ अली, मुहम्मद शमशाद, शाहे जमन, उज्मा सहर, फरहत अख्तर, मुहम्मद शुएब, मुहम्मद ईसा, मुहम्मद नदीम, मुहम्मद जुबैर, लिमरा, महक, मुसकान आदि मौजूद रहे।
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