नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। मानव मिलन परिवार एवं समस्त जैन नगर निवासियों के लिए हर्षित करने वाला शुभ दिवस है। आज मानव मिलन संस्थापक नेपाल केसरी राष्ट्र संत गुरुदेव डॉ मणि भद्र मुनि जी महाराज की दीक्षा जयंती का समारोह समस्त सभा में सुबह गुरुदेव के पावन प्रवचनों के साथ साथ साध्वियों तथा भक्त जनों द्वारा भारी उत्साह से मनाया गया।
गुरुदेव ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में बताया, "दौलत जीवन का मुख्य मूल न होकर, संयम की भावना को हमेशा आगे रखना एवं संयम के पथ पर चलना इस जीवन का आधार होना चाहिए।" ’पाना नहीं जीवन को, बदलना ही साधना है’ भजन से गुरुदेव ने अपने विचारों को व्यक्त किया। उन्होंने बताया मन को संयम की ओर मोड़ना सरल नहीं है। जिस तरह मंदिर जाना आसान है पर मन को मन्दिर बनाना मुश्किल है उसी तरह अपने जीवन को सही पथ पर लेकर चलना ही साधना है।
इसके उपरांत साध्वी श्री संत महाराज ने गुरुदेव को वंदन करते हुए अन्य भजनों द्वारा गुरुदेव को दीक्षा दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा, " कु संस्कार से सुसंस्कार का सफर ही दीक्षा है। और यह सफर जरूरी नहीं किसी के धार्मिक आध्यात्मिक ज्ञान या वचनों से हो यह जरूरी नहीं। यह हृदयोदय एक शब्द, एक वाक्य से भी ही सकता है।"
इसके बाद मानव मिलन, महिला शाखा की मंत्री इति जैन ने दीक्षा जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं एक भजन की प्रस्तुति से अर्पण की। आज सभा में गुरुदेव की दीक्षा जयंती के उपलक्ष में लक्की ड्रॉ भी निकाला गया। ऐस एस जैन सभा के अध्यक्ष अमन जैन, मंत्री मुनिश जैन तथा कार्यकारिणी के सदस्यों ने भी गुरुदेव को आदर की चादर से सम्मानित किया तथा आज के पावन अवसर की शुभकामनाएं दी।
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