अंकित जैन
नित्य संदेश, मुजफ्फरनगर।
ग्रेन चैम्बर पब्लिक स्कूल में नेता सुभाष चंद्र बोस का 128वां
जन्मदिन पराक्रम दिवस के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय
गीत वंदे मातरम् के साथ हुआ।
इसके
पश्चात विद्यालय के डायरेक्टर डॉ. एमके गुप्ता, प्रधानाचार्य आजाद वीर, कोर्डिनेटर
आशीष कुमार त्यागी, हैड मिस्ट्रेस ममता चौहान, काउंसलर कंचन सोनी ने नेताजी सुभाष
चंद्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए और सभी
अध्यापक- अध्यापिकाओं एवं छात्र-छात्राओं को नेताजी के जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी। सर्वप्रथम कक्षा 11 A की
छात्रा अन्वेषा यादव ने नेता सुभाष चन्द्र बोस की सम्पूर्ण जीवनी डिजिटल विडियो के
माध्यम से दर्शाई। तत्पश्चात
विद्यालय की छात्राएँ अन्वेषा यादव, अविका, कृतिका
धीमान, मान्यता
श्रीवास्तव, मन्नत गर्ग, मनिका तोमर ने सुभाष चंद्र बोस का
जीवन परिचय देते हुए उनके स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु संघर्ष पर विस्तारपूर्वक
प्रकाश डाला। ऋतू
जैन के सानिध्य में छात्र-छात्राओं ने सुभाष चन्द्र के जीवन से सम्बन्धित प्रेरणादायक प्रसगों
को कला-कृतियों व होलोग्राम के माध्यम से पुन: जीवित कर सभी के बीच एक नई ऊर्जा का
संचार किया।
विद्यालय
के डायरेक्टर डॉ. एमके गुप्ता ने सुभाषचन्द्र बोस के बारे में बच्चों को अवगत कराते हुए
कहा कि वे एक वीर सैनिक, योद्धा, महान सेनापति और कुशल राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने देश को
अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए आजाद हिंद फौज के गठन से लेकर हर भारतीय
को आजादी का महत्व समझाने तक हर काम को किया। इस अवसर पर विद्यालय प्रधानाचार्य आजाद वीर ने सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर प्रकाश
डालते हुए छात्र-छात्राओं को बताया कि नेताजी का प्रसिद्ध नारा ‘तुम
मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा' यह केवल एक नारा ही नहीं था, बल्कि इस नारे ने
भारत में राष्ट्रभक्ति का ऐसा जोश पैदा किया, जो भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति का
आधार बना, भारत
को ही नहीं बल्कि समस्त भूमंडल को अपनी चतुराई, प्रतिभा एवं संगठन शक्ति से
प्रभावित करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस वह नाम है, जो
शहीद देशभक्तों के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा हुआ है, करोड़ों
युवाओं के प्रेरणा स्रोत, आजाद हिंद फौज के नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती आज
पूरा देश पराक्रम दिवस के रूप में मना रहा है, जिस प्रकार नेताजी अपने मन में
उच्च विचार रखते हुए अपने लक्ष्य पर पहुंचकर ही दम लेते थे, उसी प्रकार हमें
भी अपने लक्ष्य को निर्धारित कर निरंतर प्रगतिशील रहकर समाज एवं राष्ट्रहित में
अपनी एक पहचान स्थापित करनी चाहिए। स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए नेताजी
का संघर्ष एवं योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन हर्षिता मिश्रा, अन्वेषा
यादव, हर्षित
गौतम एवं दिव्यांशी ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
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