फांसी की सजा की उठी थी चारों ओर से मांग, उम्र कैद के बाद आगे फैसला अल्लाह पर छोड़ पीड़ित संतुष्ट
सुहैल खान
नित्य संदेश, बिजनौर: वर्ष 2022 नवंबर के बहुचर्चित बिजनौर बक्शी वाला मोनीस हत्याकांड में हत्यारे उस्मान को दोषसिद्ध करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम राम अवतार यादव ने उम्र कैद की सजा के साथ ₹50000 का आर्थिक दंड लगाकर पीड़ितों के जख्मों पर कुछ मरहम लगाने का काम किया है।
मालूम हो 18 नवंबर 2022 को निर्दोष मासूम मोनीस रात्रि से गायब हो गया था, जिनके परिजनों ने काफी तलाश किया, 19 नवंबर की सुबह उसकी लाश बक्शी वाला कब्रिस्तान में निर्मम हत्या के बाद मिली थी. उसके साथ कुकर्म का प्रयास और विरोध करने पर गला व नस काटकर हत्या की गई थी, पीड़ितों को सूचना मिली थी कि मोहल्ले का ही उस्मान पुत्र कमालू उसका पीछा कर रहा था, रात्रि में उसके साथ था, जब उसे तलाश किया तो वह भी गायब मिला, इस निर्मम हत्याकांड से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी, बच्चों में दहशत फैल गई थी, कोतवाली नगर की पुलिस के साथ आला अफसरान केस के खुलासे पर कार्य करने लगे, बाद में मुखबिर की सूचना पर पुलिस मुठभेड़ में हत्यारे उस्मान को पुलिस गिरफ्तार करने में कामयाब हुई जिसके पास से हत्या में प्रयुक्त ब्लैड और तमंचा जो पुलिस पर फायर किया गया था बरामद किया गया,
मामला जनपद की कोर्ट संख्या एक अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम अवतार यादव की अदालत में चला. अभियोजन की ओर से आठ गवाह प्रस्तुत किये, सबसे बड़ी बात इस मासूम की हत्या का खुलासा उस सीसीटीवी फुटेज से भी हो गया जिसमें दोष सिद्ध हत्यारा उस्मान मृतक मोनीष को जबरन खींचकर कब्रिस्तान में ले जा रहा है, एक के बाद एक कड़िया जुड़ती गई और हत्या का खुलासा हुआ, अदालत में वादी पक्ष की ओर से निकिता शर्मा एडवोकेट और पंकज बिश्नोई एडवोकेट सहित शासकीय अधिवक्ता द्वारा इस निर्मम हत्या को रेयरेस्ट आफ रेयर साबित करने के लिए तर्क दिए और सबूत पेश किये। बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा भी अपनी दलीलें देते हुए आरोपी को निर्दोष बताया, लेकिन ठोस सबूत और दलीलों के उपरांत दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत अपर जिला जज कोर्ट संख्या 1 राम अवतार यादव ने 20 फरवरी को आरोपी उस्मान को हत्या के आरोप में दोषसिद्ध करार दिया, जबकि सजा की सुनवाई के दौरान दोषसिद्ध हत्यारे को उम्र कैद की सजा के साथ ₹50000 का अर्थ दंड लगाते हुए दंडित किया, जुर्माने की समस्त धनराशि में से आधी धनराशि पीड़ित मृतक के पिता बाबू दीन को अदा करने के आदेश भी अदालत द्वारा किए गए।
विदित हो इस निर्मम हत्या से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। बच्चों में दहशत व्याप्त है।चारों ओर से हत्यारे के लिए फांसी की सजा की मांग उठ रही थी। 2 वर्ष बाद जब यह फैसला अदालत ने सुनाया तो पीड़ितों के जख्म पर कुछ मरहम अवश्य लगा है। अदालत परिसर में मौजूद मृतक के पिता बाबुद्दीन ने कहा कि उसके मासूम बच्चे को बेरहमी से कत्ल किया गया था। उनकी यही इच्छा और दुआ है कि भविष्य में कोई किसी के बच्चे के साथ ऐसी दरिंदगी ना कर पाए, अदालत ऐसी सजा सुनाए, वह अदालत के फैसले से संतुष्ट है, प्रदेश की योगी सरकार से संतुष्ट हैं लेकिन आगे फैसला अल्लाह पर छोड़ते हैं।
मालूम हो बिजनौर नगर कोतवाली में अपराध संख्या 845 सन 2022 धारा 302,377, 511 आईपीसी के तहत दर्ज मुकदमे में आज माननीय अदालत ने अपना निर्णय सुनाया है।
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