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Sunday, February 9, 2025

फायर सेफ्टी और उत्तरप्रदेश सरकार का ध्यान: एक विसंगति


मैं बाजार में कम ही निकलता हूँ, परंतु जब भी कुछ जरूरी काम से जाता हूँ, तो आसपास की व्यवस्था पर ध्यान जरूर देता हूँ। हाल ही में, कुछ दिनों पहले, जब मैं मेरठ के सदर क्षेत्र के बड़े शॉपिंग परिसर में गया, तो मैंने एक गंभीर समस्या को महसूस किया। वहां के बड़े-बड़े शो रूम्स और दुकानों में मैंने कहीं भी फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं देखे। न कोई अग्नि सुरक्षा उपकरण था, न इमरजेंसी गेट था, न ही कोई फायर सेफ्टी का एग्जाम या चेकिंग होती हुई दिखी।

यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, क्योंकि व्यापारिक परिसर में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं और यहां पर कोई भी हादसा हो सकता है। एक आगजनी, बिजली की शॉर्ट सर्किट या अन्य कोई दुर्घटना, किसी भी समय बड़ी तबाही का कारण बन सकती है। लेकिन यहां पर इसकी कोई व्यवस्था नहीं थी।

इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि उत्तरप्रदेश सरकार ने छोटे क्लीनिकों के लिए फायर सेफ्टी को अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत, एक चिकित्सक का क्लीनिक तभी पंजीकृत किया जाता है जब उस क्लीनिक में फायर सेफ्टी का पर्याप्त इंतजाम हो। अगर क्लीनिक में फायर सेफ्टी के उपाय नहीं हैं, तो उसे पंजीकरण के लिए नहीं स्वीकार किया जाता। यहां तक कि एक छोटे से क्लीनिक, जिसमें दिनभर में शायद ही कोई बड़ी संख्या में लोग आते हों, वहां तक में फायर सेफ्टी का इंतजाम अनिवार्य किया गया है।

यह समझ से परे है कि जहां पर दुर्घटना की संभावना लगभग नगण्य है, वहां पर फायर सेफ्टी के इंतजाम को अनिवार्य कर दिया गया, जबकि जहां पर दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं ज्यादा हैं, वहां पर इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए। एक बड़े शॉपिंग मॉल या व्यापारिक परिसर में, जहां हजारों लोग एक साथ इकट्ठा होते हैं, वहां पर फायर सेफ्टी की कोई योजना नहीं है, और यह व्यवस्था एक छोटे क्लीनिक में अनिवार्य है। यह न केवल सरकार की नीति में एक बड़ी विसंगति है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सुरक्षा के मुद्दे पर कोई स्पष्ट सोच और योजना नहीं है।

अगर हमें अपने समाज को सुरक्षित बनाना है तो यह जरूरी है कि फायर सेफ्टी के नियमों का पालन हर जगह किया जाए, चाहे वह बड़ा शॉपिंग मॉल हो या एक छोटे क्लीनिक। सरकार को चाहिए कि वह सिर्फ छोटे क्लीनिकों पर ही नहीं, बल्कि बड़े सार्वजनिक स्थानों पर भी फायर सेफ्टी के मानकों को सख्ती से लागू करे। साथ ही, जब हम किसी भवन या शॉपिंग परिसर के लिए फायर सेफ्टी की बात करते हैं, तो हमें केवल फायर अलार्म या अग्निशमन यंत्र तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि हमें इमरजेंसी गेट्स, आपातकालीन निकासी रास्तों और अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण पर भी जोर देना चाहिए।

इस मुद्दे को लेकर हम सभी को जागरूक होने की जरूरत है। एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज के निर्माण के लिए हमें सही कदम उठाने होंगे, और यह केवल तभी संभव है जब हम अपनी सुरक्षा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं पर ध्यान दें।

लेखक: डॉ. अनिल नौसरान
संस्थापक 
नेशनल यूनाइटेड फ्रंट ऑफ डॉक्टर्स 

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