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Saturday, February 8, 2025

भगवान केवल भाव के भूखे होते हैं: आचार्य विनय शास्त्री


नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। आभा मानव मंदिर वरिष्ठ नागरिक सेवा सदन में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन आचार्य विनय शास्त्री द्वारा एकादशी व्रत महिमा, समुद्र मंथन, भगवान शिव द्वारा विषपान, वामन अवतार, गंगा अवतरण, भक्त अम्बरीष चरित्र, राम जन्म एवं श्री कृष्ण जन्म की कथा का मार्मिक वर्णन किया।

श्री कृष्ण जन्म का वर्णन करते हुए कथा व्यास पंडित आचार्य विनय शास्त्री ने बताया कि जब पृथ्वी पर पाप बढ़ने पर पृथ्वी माता द्वारा नारायण की प्रार्थना की गई कि अब इन पापों का एवं पापियों का नाश कीजिए। तब भगवान ने श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया। उन्होंने कहा, भगवान भक्तों के अधीन होते हैं और अपने भक्तों की हमेशा रक्षा करते हैं। उन्होंने बताया कि मनुष्य के बाल सफेद होना संकेत है कि अब परमात्मा के पास जाने का समय निकट आ गया है। राम नाम एवं कृष्ण नाम ही कलयुग में भक्तों का सहारा है। भगवान श्री राम एवं श्री कृष्ण का चरित्र हमें शिक्षा देता है कि जीवन में संकट भी आएंगे हमे उनका सामना करना ही पड़ेगा। जब भगवान स्वयं नहीं बच सके तो हम तो एक साधारण मनुष्य हैं ।भगवान केवल भाव के भूखे होते हैं. आचार्य ने कहां कि हमे राम नाम निरंतर जपते रहना चाहिए।

एकादशी व्रत का अर्थ बताते हुए कहा कि अपने मन को एकाग्र करके परमात्मा का निरंतर चिंतन करें, उसे एकादशी कहा गया। इस दिन झूठ ना बोले, अपशब्द ना बोले, किसी से बैर न रखे। इस अवसर पर विनीता अग्रवाल, आभा गोविल, एस सी गोविल ने सभी श्रद्धालुओं को श्री कृष्ण जन्म की बधाई देकर प्रसाद वितरित किया।

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