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Sunday, February 9, 2025

भगवान को केवल हम प्रेम से बांध सकते हैं, क्रोध से नहीं: पंडित विनय शास्त्री


नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। आभा मानव मंदिर वरिष्ठ नागरिक सेवा सदन में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन व्यासपीठ से आचार्य पंडित विनय शास्त्री ने भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं, पूतना वध, गोवर्धन पूजा, कालिया मर्दन, कान्हा द्वारा मिट्टी खाने की लीलाओं का संगीतमय वर्णन किया। 

ब्रजभाषा के भक्ति गीतों पर श्रद्धालु झूम उठे। इंद्र के घमंड को चूर करते हुए श्री कृष्ण ने सभी बृजवासियों की मूसलाधार वर्षा से रक्षा की। इस अवसर पर गोवर्धन पूजा कर भगवान को छप्पन भोग का प्रसाद अर्पण किया गया। आचार्य जी ने कहा कि जब ग्वालो ने श्री कृष्ण द्वारा मिट्टी खाने के बारे में मां यशोदा से शिकायत की, तब कान्हा जी अपनी मैया से डर गए। आज तीनों लोकों का नाथ जो पूरी दुनिया को डराता है वह अपनी मां से डर रहे हैं और भयभीत होकर मैया से कह रहे हैं कि-
*मारे मत मैया चाहे वचन धरवाइले*
 *वचन धरवाइले चाहे सौगंध खवाइले*
 *गंगा की खवाइले चाहे यमुना की खवाइले,*
 *मैया की खवाइले चाहे बाबा की खवाइले*
 *चाहे क्षीरसागर में खड़ा करवाइले*
 *पर मारे मत मैया मोहे वचन धरवाइले*

जब यशोदा मैया ने उखल से भगवान को बांधना चाहा तो रस्सी और बड़ी हो गई, क्योंकि उस समय यशोदा मैया क्रोध में थी. भगवान को केवल हम प्रेम से बांध सकते हैं क्रोध से नहीं बांध सकते, इसलिए क्रोध का रास्ता छोड़ दो और प्रेम की रस्सी पकड़ लो। कान्हा की माखन और दही चोरी की लीलाओं का वर्णन करते हुए गोपियां मां यशोदा से उनकी शिकायत करती हैं चोरी करने पर दही का मटका टूटने कहती है 
*सीख लई है तेने दधि की चोरी* 
*मैं कान्हा बरसाने की भोरी*
*तोहे नर से नारी बनाई दूंगी*
 *मत फोड़े दधि की मटकी*

एस सी गोविल, विनीता अग्रवाल, आभा अग्रवाल, मंजरी गुप्ता ने गोवर्धन पूजा कर सबको छप्पन भोग का प्रसाद वितरित किया।

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