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Friday, December 6, 2024

इतिहास के तन पर था जो कोढ़ बाबरी मिटा दिया: सौरभ जैन सुमन



मेरठ के वृद्धाश्रम आभा मानव मंदिर में शौर्य दिवस पर हुआ कवि सम्मेलन

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ. मवाना रोड स्थित आभा मानव मंदिर में शौर्य दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता की डॉ हरिओम पंवार ने की, वहीं संचालन संयोजन रहा क्रांति कवि सौरभ जैन सुमन का। 
देश की ख्यातिलब्ध कवयित्री डॉ अनामिका जैन अंबर ने मां शारदा की वंदना के माध्यम से कार्यक्रम की शुरुआत की। प्रथम कवि के रूप में पटना के कवि नीतीश राजपूत ने अपना काव्यपाठ प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा "जाने कितनी रात जगे हैं एक उजाले की ख़ातिर, तब जाकर हमको सूरज की किरणों का कुछ भान मिला/हमने अपनी भाग्य लकीरें स्वयं गढ़ी है हाथों से/तब जाकर निष्ठुर जीवन मे थोड़ा सा सम्मान मिला।"

संचालन कर रहे क्रांति कवि सौरभ जैन सुमन ने कहा कि अब एक और कारसेवा बुला रही है। अयोध्या के बाद अब सम्भल चलने की तैयारियां करो। उन्होंने कहा "ज्ञानवापी से, कुतुब से ताज से/भावभीनी वो विदाई चाहता है/जानता है सत्य शायद इसलिए/अब खुदा भी बस खदाई चाहता है"
सौरभ सुमन ने अपनी कविता राम मंदिर सुनते हुए कहा "छह दिसंबर बानवे ने इतिहास नया इक रच डाला/राम के नारे गूंज उठे पी भक्तों ने हठ हाला/खुली दुनाली के समक्ष ले वक्ष स्वयं शिव नाचे थे/सख्त "मुलायम" गालों पर भक्ति के कड़े तमाचे थे/गगन चूमते छल गुंबद चटके धरती पर लिटा दिया/इतिहास के तन पर था जो कोढ़ बाबरी मिट दिया"

स्टार पोएट्स डॉ अनामिका जैन अंबर ने कहा कि एक समय वो था जब रामभक्तों पर गोलियां चलाई गई थी, सरयू का जल कारसेवकों के लहू से लाल हो गया था और एक वक्त ये है जब दिल्ली तक के सिंहासन पर केवल रामभक्त को ही देश स्वीकारता है। उन्होंने कहा "राम प्रतिष्ठित किए जिन्होंने अवधपुरी के आसन पर/रामभक्त ही राज करेगा दिल्ली के सिंहासन पर"
ओज के वरिष्ठ कवि डॉ हरिओम पंवार ने कहा "पैरों में अंगारे बांधे सीने में तूफान भरे/आंखों में दो सागर आगें, कई हिमालय शीश धरे/मैं धरती के आंसू का संत्रास नहीं तो क्या गाऊँ/खूनी तालिबानों का इतिहास नहीं तो क्या गाऊँ "
दीप प्रज्वलन किया सुरेश चंद्र गोविल ने स्वागत सम्मान किया ट्रस्टी विकास गोयल ने। 

कार्यक्रम के सूत्रधार की भूमिका निभाई कुणाल दीक्षित ने। विशेष रूप से उपस्थित रहे अमित नागर, ज्ञान दीक्षित, कवि ईश्वर चंद गंभीर, विजय जैन आदि

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