हेल्थ पोस्ट पुलिस लाइन से सीएमओ ने की अभियान की शुरूआत, 9 से 13 दिसम्बर तक घर-घर पिलाई जाएगी दवा
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। जनपद में रविवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पुलिस लाइन से पल्स पोलियाे अभियान का आगाज हो गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अशोक कटारिया ने इस दौरान फीता काटकर और बच्चाें को पोलियो खुराक पिलाकर अभियान की शुरूआत की। इस दौरान एमओआईसी के द्वारा छोटे बच्चों के लिए विशेष पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चाें को पुरस्कृत किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अशोक कटारिया ने जनता से अपील करते हुए 0 से 5 साल के बच्चों को चिकित्सा केन्द्र पर जाकर अपने बच्चों को पोलियाे की खुराक पिलाई जाए। उन्होने बताया, वैसे तो देश में कोई भी पोलियों रोगी नहीं है, लेकिन अपने पडोसी देश पाकिस्तान व अफगानिस्तान में पोलियों की मरीज मिल रहे है। ऐसे मे सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. प्रवीण गौतम ने बताया, रविवार 8 दिसम्बर पोलियों बूथ दिवस मनाया जाएगा। 9 से 13 दिसम्बर तक सभी टीमें घर-घर भ्रमण कर पोलियों केी दवा पिलाएगी। 16 को बी टीम एक्टिव की जाएगी जिसमें छूटे बच्चों को पोलियों की खुराक पिलाई जाएगी। अभियान में 4.57 लाख बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जनपद में 1947 बूथ पर बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाई जाएगी। अभियान के लिए 289 ट्रजिंट टीमें बनायी गयी है। 72 मोबाइल टीमाें को लगाया गया है। 9 से 16 दिसम्बर तक 1356टीम घर-घर जाकर शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाएंगी। इसके लिए लगभग 1341 टीमें बनाई गईं हैं, जो लक्षित 4.58 लाख बच्चों को दवा पिलाने का कार्य करेंगी।
टीम की मॉनिटरिंग के लिए सुपरवाइजर लगाए गये हैं, जो टीम की निगरानी करेंगे। जिला स्तर पर जिला स्तरीय अधिकारी भी पल्स पोलियो टीम का औचक निरीक्षण करेंगे। रोजाना शाम को ब्लाक स्तर के नोडल अधिकारियों द्वारा अभियान का फीडबैक लिया जाएगा और अभियान की समीक्षा होगी।उन्होंने बताया जो घर सर्वे में छूट जाएंगे। उनका सर्वे मई में किया जाएगा।
एमओआईसी डा. अंकुर त्यागी ने बताया पल्स पोलियो की दवा जन्म के समय ही दी जाती है। इसके अलावा छह, दस और चौदह सप्ताह पर भी यह ड्रॉप पिलायी जाती है। इसकी बूस्टर खुराक सोलह से चौबीस महीने की आयु में भी दी जाती है। उन्होंने बताया-पल्स पोलियो की दवा सुरक्षित और असरदार है । इसके प्रति मिथक और भ्रांतियों के कारण कुछ पड़ोसी देशों में पोलियो का उन्मूलन नहीं हो सका, जबकि भारत में पोलियो उन्मूलन संभव हो गया। चूंकि पड़ोसी देशों में पोलियो के वायरस मौजूद हैं, इसलिए एहतियातन भारत में भी शून्य से पांच वर्ष तक के हर बच्चे को पोलियो से पूर्ण प्रतिरक्षित किया जाना अनिवार्य है। इसलिए प्रत्येक अभिभावक का दायित्व है कि वह शून्य से पांच वर्ष तक के अपने बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं।
उन्होंने बताया एक अनोखी पहल करते हुए हेल्थ पोस्ट पर छोटे बच्चों की एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया । इस दौरान बच्चाें के द्वारा बनाए गये पोस्टर को सराहना करते हुए सीएमओ ने बच्चों को सम्मानित किया। इसका मकसद लोगों में पोलियो के प्रति जागरूकता पैदा करना है।
इस मौके पर क डा रजत कुमार, यूनिसेफ से नजमू निशा, डब्लयू एचओ से डा ईशा गोयल, फिल्ड मैनेजर दीपक भटनागर समेत अन्य लोगाें मौजूद रहे।
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