अशोक कुमार
नित्य संदेश, मेरठ। दिल्ली रोड स्थित शताब्दीनगर में श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन हो रहा है। अंतरर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा कथा सुना रहे है। शिव महापुराण कथा को सुनने के लिए दूर दूर से लाखों की संख्या में लोग पहुंच रहे है।
कथा के आयोजनकर्ता श्री केदारेश्वर सेवा समिति ने कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए कड़े इंतजाम किए है। सोमवार को शिव महापुराण कथा सुना रहे कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि जिस घर में संस्कारों की कमी आ जाती है, उनकी नसल बिगड़ जाती है। हम अपने बच्चों को दहेज में कुछ दे ना दें। लेकिन अपने बच्चों की शिक्षा पर माता पिता अवश्य ध्यान दें। शिक्षा वो आभूषण है, जो अपने बेटी और बेटों को जरूर दें। संस्कार और शिक्षा अच्छी है तो हमारे घर के बच्चे कभी गलत रस्ते पर नहीं जाएंगे। माता सती दहेज में बहुत सारा सामान लेकर आई थी। बहु लाना तो संस्कार वाली लाना। हो सकता है कार लेकर आने वाली बहु के साथ अहंकार आ जाए। तो इसलिए संस्कार वाली बहु लाना।
साथ ही श्री मिश्रा ने बताया कि शिव महापुराण में एक मुखी से लेकर 14 तक के रुद्राक्ष का वर्णन किया गया है। रुद्राक्ष शंकर भगवन का पुत्र है। उन्होंने आगे बताया कि माता सती अपने परिवार के साथ कही बाहर जाती थी तो माता सती के नेत्र नीचे ही रहते थे। बहन, बेटी और पत्नी के नेत्र अगर झुके रहते है, तो उसके घर के भाई, पिता और पति का सिर कभी नहीं झुकता है।
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