अनम शेरवानी
नित्य संदेश, मेरठ। स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के भीकाजी कामा सुभारती कॉलेज ऑफ होटल मैनेजमेंट में 9 वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का स्थायी प्रौद्योगिकियों व प्रबंधन का समन्वय एवं अभ्यास के विषय पर भव्य आयोजन किया गया।
सम्मेलन का शुभारंभ सत्यजीत रे प्रेक्षागृह में मुख्य अतिथि स्वतंत्रता संग्राम प्रवासी अध्ययन केन्द्र इग्नू के प्रो. कपिल कुमार, विशिष्ट अतिथि आगरा विश्वविद्यालय से डॉ. लवकुश मिश्रा, सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के.थपलियाल, आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी मेघालय की कुलपति डॉ. एलिसिया गैटफोह, आईएचएम देहरादून से डॉ.शिवमोहन वर्मा, जाफना यूनिवर्सिटी श्रीलंका के प्रो.सिवेसन शिवानंदामूर्ति, बनारसीदास चांदीवाला इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट से डॉ. अरविंद कुमार सरस्वती, चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेज पंजाब के प्रधानाचार्य डॉ.विमल कुमार, इग्नू नई दिल्ली से डॉ.जटाशंकर तिवारी, कार्यवाहक प्राचार्य डॉ.इन्द्रनील बोस ने मॉ सरस्वती के समक्ष द्वीप प्रज्ज्वलन कर किया।
भीकाजी कामा सुभारती कॉलेज ऑफ होटल मैनेजमेंट के कार्यवाहक प्राचार्य व अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य संयोजक डॉ.इन्द्रनील बोस ने सभी अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया। उन्होंने 9 वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के विषय स्थायी प्रौद्योगिकियों व प्रबंधन का समन्वय एवं अभ्यास से सभी को रूबरू कराया। उन्होंने होटल मैनेजमेंट कॉलेज में संचालित सभी कोर्स व शिक्षण पद्धति तथा देश विदेश में नौकरी कर रहे सुभारती के छात्रों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में देश विदेश के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र व कार्यक्रम के विषय पर अपने विचार रखें।
सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल ने कहा कि भारत देश अतिथि सत्कार का देश और हमारी संस्कृति पूरे विश्व के लोगों को अपनी और आकर्षित करती है। उन्होंने कहा कि होटल मैनेजमेंट का क्षेत्र रोमांच से भरपूर है, इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं है। सुभारती विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों को दक्ष बनाकर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान कर रहा है। उन्होंने सभी अतिथियों को सुभारती विश्वविद्यालय की शिक्षा पद्धति से अवगत कराया।
मुख्य अतिथि स्वतंत्रता संग्राम प्रवासी अध्ययन केन्द्र इग्नू प्रो. कपिल कुमार ने कहा कि स्थायी प्रौद्योगिकियों व प्रबंधन का समन्वय एवं अभ्यास से तात्पर्य यही है, कि उपलब्ध संसाधनों का दक्षतापूर्वक तथा प्रभावपूर्ण तरीके से उपयोग करते हुए लोगों के कार्यों में समन्वय करना ताकि लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि टूरिज्म का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत है, और इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं है। यह इंडस्ट्री भारत की जीडीपी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि श्रम शक्ति के साथ तकनीक के सहयोग से कार्य करना चाहिए। हाउसकीपिंग, कैटरिंग, फ्रंट डेस्क ऑपरेशंस आदि में तकनीक व प्रबंधन ने नए आयाम स्थापित किये है।
जाफना यूनिवर्सिटी श्रीलंका के प्रो.सिवेसन शिवानंदामूर्ति ने कहा भारत एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। वैश्वीकरण और नई तकनीकों के बाद ट्रेवल एंड टूरिज्म सेक्टर में डिमांड काफी बढ़ गई है एवं तकनीक ने होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र को सर्वसुलभ बना दिया है। उन्होंने कहा कि अच्छा वातावरण, विनम्र व्यवहार, अनुशासन, आत्मविश्वास, भावना, अच्छा सुनने का कौशल, समस्या का समाधान करने की कुशलताएं, लंबे समय तक काम करने की इच्छा होटल मैनेजमेंट के विद्यार्थी को निपूर्ण बनाएंगी।
सम्मेलन के विषय स्थायी प्रौद्योगिकियों व प्रबंधन का समन्वय एवं अभ्यास पर विशिष्ट अतिथि आगरा विश्वविद्यालय से डॉ. लवकुश मिश्रा, आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी मेघालय की कुलपति डॉ. एलिसिया गैटफोह, आईएचएम देहरादून से डॉ.शिवमोहन वर्मा, बनारसीदास चांदीवाला इंस्ट्ीटयूट ऑफ होटल मैनेजमेंट से डॉ. अरविंद कुमार सरस्वती, चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेज पंजाब के प्रधानाचार्य डॉ.विमल कुमार, इग्नू नई दिल्ली से डॉ.जटाशंकर तिवारी आदि ने व्याख्यान देकर सभी का ज्ञान वर्धन किया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में प्रो. मारियाना सिगाला शेफ़ील्ड बिज़नेस स्कूल शेफ़ील्ड हॉलम यूनिवर्सिटी यूके, मार्कस एल स्टीफेंसन सनवे यूनिवर्सिटी मलेशिया, डॉ. फिलारेटी कोत्सी जायद विश्वविद्यालय दुबई ने पैनल चर्चा में ऑनलाइन जुड़कर अपने विचार रखें। मंच का संचालन कैरन जहरा ने किया।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को सफल बनाने में मुख्य संयोजक कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. इन्द्रनील बोस, अंकित श्रीवास्तव, गरिमा जैन, सौरभ त्रिपाठी, सहित आयोजक समिति के सभी सदस्यों का सहयोग रहा।
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