नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज, प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता के नेतृत्व में नित नई नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। राजकीय मेडिकल कॉलेज अपने उत्तम इलाज के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विख्यात है। इसी क्रम में मेडिकल कॉलेज ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
मेडिकल कॉलेज में मरीज पवन उम्र 18 वर्ष ( नाम बदला हुआ ) जोकि विगत दो वर्षों से अपने कमर दर्द से बहुत परेशान था, मरीज ने अपने इलाज हेतु विभिन्न जगहों पर संपर्क किया एवं दिखाया। परंतु मरीज को लाभ नहीं हो पा रहा था। इसी क्रम में मरीज नोएडा के कांशीराम अस्पताल में भी भर्ती हुआ, जहां M R I की जांच के बाद पता चला कि
मरीज की L 4 और L 5 कमर की हड्डी की डिस्क फूल गई है और उसे काशीराम अस्पताल द्वारा शल्य क्रिया की सलाह दी गई। तत्पश्चात् मरीज ने अंततः लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के अस्थि रोग विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श किया एवं इलाज हेतु भर्ती हुआ।
तदोपरांत अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ ज्ञानेश्वर टाँक के पर्यवेक्षण में शल्यको की टीम द्वारा विचार विमर्श करने के बाद मरीज की शल्य क्रिया दूरबीन विधि के द्वारा करने का निर्णय लिया गया ( विधि का नाम मिनिमल इनवेसिव इंटर लैमिनार एंडोस्कोपिक डिसेक्टोमी )। इस शल्य क्रिया को डॉ सुमित अग्रवाल द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न किया गया। क्रिया के बाद मरीज को तुरंत लाभ मिला। मरीज के शब्दों में कहें तो मरीज अपनी स्थिति से बहुत परेशान था एवं दिन भर दर्द से विचलित रहता था। मरीज एक स्थिति में लेट भी नहीं पाता था तथा वह दैनिक क्रियाओं के लिए भी दूसरे लोगो पर निर्भर हो गया था। शल्य क्रिया के पश्चात् मरीज को बहुत आराम है। अब मरीज आराम से बैठ सकता है, खाना खा सकता है एवं अपनी दैनिक क्रियाएं स्वयं कर सकता है। मरीज की समस्या लगभग शून्य हो गई है।
इस शल्य क्रिया को सफलतापूर्वक डॉ सुमित अग्रवाल (सहायक आचार्य) एवं उनकी टीम जिसमे डॉ पंकज वर्मा (सहायक आचार्य), डॉ योगेश माणिक (सहायक आचार्य, एनेस्थीसिया विभाग) एवं वरिष्ठ सिस्टर (ओटी) ललिता द्वारा संपन्न किया गया।
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