सीआरआरटी तकनीक से बचाई गई मरीज की जान, रक्त से ज़हरीले तत्व को छान कर निकाला गया बाहर
अनम शेरवानी
नित्य संदेश, मेरठ। ज़हरीला पदार्थ निगल कर मौत के मुंह में जा चुके युवक को छत्रपति शिवाजी सुभारती अस्पताल के डाक्टरों ने सीआरआरटी तकनीक के माध्यम से जीवनदान दिया है।
सुभारती अस्पताल के गहन व आपातकालीन चिकित्सा के सलाहकार डॉ. उमर नौशाद ने बताया कि बाग़पत जनपद के निवासी 22 वर्षीय दीपक नामक मरीज को आपातकालीन विभाग में जहरीला पदार्थ खाने के कारण उसके परिजनों ने भर्ती कराया। जहां मरीज की स्थिति का संज्ञान लेकर तुरन्त उसे वेंटिलेटर पर रखा गया। जिसमें डाक्टरों द्वारा सीआरआरटी तकनीक द्वारा मरीज के रक्त में सभी प्रकार के ज़हरीले तत्वों का पता लगाया गया और उन्हें छान कर बाहर निकाल दिया गया। इस तकनीक द्वारा ज़हरीले पदार्थ से मरीज के किडनी व लिवर को खराब करनेे वाले असर को रोका गया। मेडिसिन प्रोफेसर डॉ.एस.के.झा और गहन व आपातकालीन चिकित्सा के सलाहकार डॉ. उमर नौशाद के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने 24 घंटे की गहन देखभाल और प्रबंधन के बाद मरीज को वेंटिलेटर से सफलतापूर्वक हटा दिया गया। मरीज दीपक अब स्थिर है और खतरें से बाहर है।
सुभारती अस्पताल के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ.कृष्णा मूर्ति ने मरीज की जान बचाने पर डॉ.उमर नौशाद व उनकी पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने बताया कि सीआरआरटी तकनीक जिसे निरंतर गुर्दे प्रतिस्थापन चिकित्सा
के रूप में जाना जाता है। यह डायलिसिस के समान एक तकनीक है। अंतर यह है, कि पारंपरिक डायलिसिस में 3 से 4 घंटे तक डायलिसिस करते हैं। सीआरआरटी तकनीक में खून की सफाई लगातार 72 घंटे से अधिक तक कर रक्त से हानिकारक तत्वों को फिल्टर कर बाहर निकाल दिया जाता है। सीआरआरटी तकनीक द्वारा किडनी व लीवर सहित शरीर के अन्य अंगों को खराब होने से बचाया जाता हैं। इसके द्वारा गंभीर स्थिति के मरीज की जान बचाई जा सकती हैं। सुभारती अस्पताल में उपलब्ध सीआरआरटी तकनीक से उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली एनसीआर के लोग लाभान्वित हो रहे है। उन्होंने कहा कि सुभारती अस्पताल का यही प्रयास है, कि चिकित्सीय सुविधाओं को सर्वसुलभ बनाकर जनमानस को लाभान्वित किया जाए।
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