नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया।
इस अवसर पर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा कि नेताजी का मानना था कि स्वतंत्रता केवल प्रार्थना और अपील से प्राप्त नहीं हो सकती; इसके लिए संघर्ष, त्याग और बलिदान की आवश्यकता होती है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में रहते हुए भारत की स्वतंत्रता के लिए काम किया। उन्होंने "आजाद हिंद फौज" का गठन किया और "दिल्ली चलो" का नारा देकर भारतवासियों में आजादी की ललक को और प्रज्वलित किया। उनका सबसे प्रसिद्ध नारा – "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" – हर भारतीय के दिल को छू गया और स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा और गति प्रदान की। नेताजी का सपना केवल राजनीतिक स्वतंत्रता तक सीमित नहीं था। वे भारत को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से आत्मनिर्भर और सशक्त देखना चाहते थे। उनका जीवन हमें सिखाता है कि दृढ़ संकल्प, संघर्ष और देशभक्ति से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। हालाँकि, नेताजी की मृत्यु एक रहस्य बनकर रह गई, लेकिन उनकी विचारधारा और उनके द्वारा दिखाया गया मार्ग हमें आज भी प्रेरित करता है। कुलपति ने कहा कि आज, हमें नेताजी के विचारों और आदर्शों को अपनाने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम एकजुट होकर अपने देश की उन्नति और विकास में योगदान दें। यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। नेताजी ने अपने जीवन को भारत माता के लिए समर्पित कर दिया। अब हमारी जिम्मेदारी है कि उनके सपनों का भारत बनाएं।
इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर वीरपाल सिंह साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर नीलू जैन गुप्ता समन्वयक प्रोफेसर केके शर्मा, प्रोफेसर राकेश कुमार शर्मा, डॉ संजीव शर्मा, डॉक्टर वैशाली पाटील, डॉ योगेंद्र गौतम, डॉक्टर कुलदीप त्यागी, डॉक्टर विवेक कुमार त्यागी, डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार, डॉक्टर योगेश मोरल, इंजीनियर मनीष मिश्रा, प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र कुमार गुप्ता, इंजीनियर मनोज कुमार, डॉक्टर केपी सिंह आदि मौजूद रहे।
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