विभाग की नियमावली से सुलग न जाए जागृति विहार एक्सटेंशन, बदलाव जरूरी
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। जागृति विहार एक्सटेंशन के आवंटी प्रतिनिधिमंडल द्वारा उत्तर प्रदेश आवास आयुक्त के नाम ज्ञापन अधिशासी अभियन्ता सुरेश पाल सिंह (एस. पी. सिंह) द्वारा भेजा गया, ज्ञापन की गंभीरता को देखते हुए अधिशासी अभियन्ता अधीक्षण अभियन्ता राजीव कुमार से फोन पर वार्ता कर ज्ञापन को स्वीकृत कर तत्काल मुख्यालय भेजने के लिए निर्देश जारी किए।
आवंटी नेता सुशील कुमार पटेल ने बताया कि आवास विकास परिषद मेरठ द्वारा बहुत बड़ी चूक जागृति विहार एक्सटेंशन के सैक्टर 2 स्थित प्रधानमंत्री आवास के आवंटन मे उजागर हुई है, बहुसंख्यक हिन्दुओ की कॉलोनी के बीचोंबीच में अल्पसंख्यक मुस्लिम लाभार्थी को भी प्रधानमंत्री आवास आवंटित कर दिए गए हैं, इससे दोनो समुदाय के लाभार्थी व कॉलोनी के बहुसंख्यक निवासियों मे खासा रोष व्याप्त हो गया है. इस संदर्भ मे जागृति विहार एक्सटेंशन आवंटी संघर्ष मोर्चा ने लाभार्थी अल्पसंख्यकों के लिए विभाग द्वारा बिजली बंबा बाईपास पर अधिग्रहित भूमि पर अल्पसंख्यकों को उनकी आबादी से सटे भूखंड मे समस्त विभागीय लाभार्थी को प्रधानमंत्री आवास निर्माण कर उपलब्ध कराने के लिए ज्ञापन देने के लिए आवास आयुक्त, आवास एवं विकास परिषद को अधिशासी अभियन्ता निर्माण खंड 3 मेरठ के माध्यम से ज्ञापन भेजा।
सुशील पटेल ने बताया कि इस प्रकार की खामी जागृति विहार एक्सटेंशन मे बर्दाश्त नही की जाएगी, विभाग की इस गलती के कारण इस कॉलोनी का साम्प्रदायिक सद्भाव बर्बाद नही होने देंगे, एक माह पहले हुई आवंटी बैठक में तय हुआ कि वर्तमान भारतीय माहौल को देखते हुए ये चिन्हित लाभार्थी हमारे बीच सहज नही रह पाएंगे और ना ही इनके इर्द-गिर्द रहने वाले बहुसंख्यक..
चर्चाओं मे कुल साथियों ने तर्क देते हुए बताया कि "सीमा के नवरात्र के व्रत के बीच पडोस के रहमान के घर पकने वाला गोश्त, या महीपाल के घर हो रहे जागरण/कथा से रुखसाना के अब्बा की नमाज प्रभावित होने से एक्सटेंशन के भविष्य मे सदैव साम्प्रदायिक तनाव बना रहेगा, इसके लिए विभाग को तत्काल प्रभाव से आवंटियों द्वारा सुझाए गए प्रस्ताव पर प्रदेश सरकार को अवगत कराते हुए विचार करना चाहिए ।
आवंटित मकान देखने आए कुछ अल्पसंख्यक लाभार्थी ने भी आवास विकास परिषद को कोसते हुए अपनी पीड़ा बताई जिसमे किसी ने आवास के निकट एक भी मस्जिद न होने पर निराशा जाहिर की, किसी ने उनके समुदाय के लोगो का आसपास ना होने से असुरक्षित माहौल बताया, और कुछ ने सरकार द्वारा जानबूझकर किया गया छल बताते हुए कहा की हम बहुसंख्यक के बीच नही रह सकते किसी भी प्रकार का साम्प्रदायिक तनाव हमारे लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकता है, प्रदेश सरकार ने आज तक अल्पसंख्यकों के लिए एक भी कॉलोनी आरक्षित नही की है जबकि ये अनिवार्य होनी चाहिए। ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल मे राजकुमार, राजेन्द्र कुमार वर्मा, चंदू सिंह, संजय परमार, शिव कुमार आदि मौजूद रहे ।
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