अरविंद कुमार सांगवान
नित्य संदेश, रोहटा। किनौनी चीनी मिल पर चढूनी संगठन द्वारा किसानो की समस्याओं को लेकर चलाए जा रहा धरना रविवार को दो गुटों में बट गया। जिसमें एक गुट धरने का बहिष्कार कर दोपहर में ही मौके से अपने समर्थकों के साथ रवाना हो गया। हालांकि बाद में प्रशासन ने मौके पर मौजूद संगठन के पदाधिकारियों की मिल प्रबंधन की वार्ता लाप कराई। कुछ मांगों पर सहमति बनने पर देर साय धरना समाप्त कर सभी किसान अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए।
बता दे कि किनोनी चीनी मिल के गेट पर शनिवार को चढूनी संगठन के नेतृत्व में किसानों के बकाया गन्ना भुगतान, गन्ने के रेट में बढ़ोतरी, घटतोली पर रोक आदि मुद्दों को लेकर धरना शुरू किया था। धरने में चढूनी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह भी शामिल हुए थे। शनिवार को मिल प्रबंधन तंत्र व संगठन के पदाधिकारी और प्रशासन के बीच किसानो की समस्याओं को लेकर तीन दौर की वार्ता भी चली थी, लेकिन वार्ता सफल नहीं होने पर चढूनी ग्रुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने धरने को अनिश्चितकालीन घोषित करने की घोषणा कर दी थी। अधिकतर किसान देर साय धरने से अपने घरों को चले गए थे। आधा दर्जन किसान मिल गेट पर ही कड़ाके की ठंड में धरने पर ही डटे रह गए थे। हालांकि देर रात उक्त किसान भी धरने से उठकर अपने घरों को चले गए थे। जिसमें किसानों ने आरोप लगाया था। कि मिल प्रबंध तंत्र ने प्रशासन से साजिश कर उन्हें जबरन धरने से उठा भगा दिया था।
यह सूचना फैलने पर रविवार को दोपहर में संगठन की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष आरुषि सिंधु तेवतिया और अन्य पदाधिकारी मिल गेट पर किसानों के साथ पहुंचे और पुन धरना देकर बैठ गए। उसके बाद सूचना मिलने पर प्रशासन भी हरकत में आ गया । सिटी मजिस्ट्रेट अनिल कुमार, नायब तहसीलदार गौरव कुमार, सीओ सरधना संजय कुमार जायसवाल , सरूरपुर, राेहटा तथा जानी थानों की पुलिस फोर्स को लेकर मौके पर पहुंच गए।
इसी बीच रविवार को पुनः मिल प्रबंधन तंत्र से समस्याओं के निस्तारण के लिए वार्तालाप का दौर एडीएम की मौजूदगी में शुरू हुआ। तो मिल के उपाध्यक्ष केपी सिंह ने धरना स्थल पर पहुंचकर उनकी कुछ मांगों को पूरा करने का वायदा करने का आश्वासन दिया। और धरना समाप्त करने की गुहार संगठन के पदाधिकारीयो ओर किसानों से की। इस मौके पर सपा के जिला उपाध्यक्ष गौरव चौधरी, बिजेन्द्र प्रधान किनौनी, श्रवण सांगवान, कपिल पूनिया, रामकुमार, सतेन्द्र, देवेन्द्र आदि मौजूद रहे।
जिसमें कुछ पदाधिकारी तो मिल प्रबंधन तंत्र की घोषणा से सहमत हो गए लेकिन कुछ ने अपनी असहमति जता दी। महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष आरुषि सिंधु तेवतिया ओर संगठन के कार्यकर्ताओं ने आपस में मीटिंग कर अपना पक्ष रखने की बात कह अलग मीटिंग का दौर शुरू किया।
इसी बीच आरुषि तेवतिया ओर संगठन के कुछ पदाधिकारीयो में धरना समाप्त करने के मुद्दे को लेकर आपस में तू तू मैं मैं होने के बाद भिड़ंत हो गई। जिससे नाराज आरुषि सिंधु तेवतिया अपने समर्थकों के साथ आधा- दर्जन गाड़ियों में सवार होकर बीच में ही धरने से चली गई। उसके बाद कुछ पदाधिकारीयो ने धरना स्थल पर पहुंचकर धरना जारी रखने की घोषणा की। और धरना देने पर एड गए।
देर साय मिल उपाध्यक्ष केपी सिंह और संगठन के पदाधिकारी के बीच प्रशासन के अधिकारियों ने पुन दूसरे दौर की वार्तालाप कराई। जिसमें मिल उपाध्यक्ष केपी सिंह ने धरना स्थल पर पहुंचकर कहा कि वह 50 करोड़ रूपया फरवरी के अंतिम सप्ताह और 50 करोड रुपए होली से पूर्व किसानों के खातों में भेज देंगे। ओर सरकार जो भी गन्ना के रेट की घोषणा करेगी। उसके अनुसार ही भुगतान अदा किया जाएगा। इस पर सहमति बनने के बाद संगठन के पदाधिकारियों ने धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी। और सभी अपने गंतव्य को रवाना हो गए।
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