नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में एक जानकारी पूर्ण सेमिनार आयोजित किया
गया। इस सेमिनार के प्रमुख अतिथि प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता रहे। सेमिनार का प्रमुख उद्देश्य थ्रोम्बोलिसिस, इसकी इस्केमिक
स्ट्रोक और अक्यूट मायोकार्डियल इन्फ़ारक्शन के इलाज में कैसे महत्वपूर्ण है, इसको गहराई से समझाना था।
समारोह
में सामान्य चिकित्सा, कार्डियोलॉजी और न्यूरोलॉजी के
विशेषज्ञों सहित चिकित्सा पेशेवरों के विविध समूह ने भाग लिया, जो सभी इस क्षेत्र में अपनी जानकारी और कौशल्य को बढ़ाने के
लिए उत्सुक थे। कार्डियोलॉजी विभाग के
विभागाध्यक्ष डॉ. धीरज सोनी ने अक्यूट मायोकार्डियल इन्फ़ारक्शन के लिए
थ्रोम्बोलिसिस थेरेपी की सबसे नई प्रगतियों पर एक जानकारीपूर्ण प्रस्तुति दी।
उन्होंने समय पर हस्तक्षेप की महत्व को और थ्रोम्बोलिसिस के पेशेवर परिणामों में
सुधार की महत्वता को बताया। डॉ. सोनी की प्रस्तुति के बाद एक इंटरैक्टिव प्रश्न और
उत्तर अंश था, जिसमें उन्होंने अपनी व्यापक अनुभव
से प्रायोगिक जानकारी साझा की।
न्यूरोलॉजी
विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. दीपिका सागर ने इस्केमिक स्ट्रोक के प्रबंधन में
थ्रोम्बोलिसिस की भूमिका पर प्रस्तुति की। उन्होंने स्ट्रोक के संकेतों को पहचानने
की महत्व को और थ्रोम्बोलिसिस के प्रभावी हस्तक्षेप के लिए कौन सा समय है, इसकी गहराई से बात की। उपरोक्त सेमिनार को मेडिसिन विभाग के आचार्य डॉ. अरविंद
कुमार द्वारा संचालित किया गया। यह सेमिनार एक समूह चर्चा के साथ समाप्त हुआ, जिसमें दोनों प्रस्तुतकर्ता और प्रमुख अतिथि डॉ. आरसी
गुप्ता ने एक विचार प्रक्रिया पूर्ण बातचीत की। समूह ने थ्रोम्बोलिसिस की
चुनौतियों और भविष्य की दिशा को प्रतिबद्ध किया,
जिसमें निरंतर शोध और शिक्षा की
जरूरत पर जोर दिया गया।
प्रमुख
अतिथि डॉ. आरसी गुप्ता ने अपने अंतिम टिप्पणियों में आयोजकों को उनकी प्रयासों के लिए प्रशंसा दी और उन्होंने
कार्डियोवैस्कुलर और न्यूरोलॉजिकल चिकित्सा के क्षेत्र में सहकार्य और निरंतर
सीखने की आवश्यकता को बताया। साथ ही साथ उन्होंने बताया कि थ्रोम्बोलिसिस उत्तर
प्रदेश शासन की प्रमुख योजनाओं में है। मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. योगिता
सिंह ने सभी प्रस्तुतकर्ताओं और प्रतिभागियों को उनकी सक्रिय भागीदारी और योगदान
के लिए अपनी शुक्रगति व्यक्त की। उन्होंने ऐसे सेमिनारों के महत्व कि चर्चा की, जो चिकित्सा समुदाय में निरंतर सीखने और सुधार की संस्कृति
को पोषित करते हैं।
सेमिनार
की सभी प्रतिभागियों ने बहुत प्रशंसा की, जिन्होंने आयोजकों और
प्रस्तुतकर्ताओं को ऐसी मूल्यवान जानकारी के विनिमय के लिए एक मंच प्रदान करने के
लिए अपनी शुक्रगति व्यक्त की। इस समारोह ने न केवल प्रतिभागियों की थ्रोम्बोलिसिस
की समझ में सुधार किया, बल्कि इस्केमिक स्ट्रोक और अक्यूट
मायोकार्डियल इन्फ़ारक्शन के प्रबंधन में समय पर हस्तक्षेप की महत्व को भी बताया।
उपरोक्त
सेमिनार में रेडियोलोजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. यासमीन उस्मानी, इमरजेंसी मेडिसिन के विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वैभव तिवारी, इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. हर्षवर्धन, पीडियाट्रिक्स विभाग के आचार्य डॉ. विकास गुप्ता, मेडिसिन विभाग के डॉ. श्वेता शर्मा, डॉ. विवेक ऋषि, डॉ. रचना सेमवाल, डॉ. पंकज कुमार, सीनियर व जूनियर रेजिडेंट आदि
उपस्थित रहे।
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