नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ के छात्रवृत्ति वितरण में 13 साल पहले हुए 405 छात्रों को छात्रवृति राशि 4,05,000 रुपये गबन के मामले में अलीजान प्रबन्धक न्यू इंडियन पब्लिक स्कूल बुनकरनगर मेरठ, अय्यूब कोषाध्यक्ष मदरसा जियाउल कुरान परीक्षितगढ़ पर 440 पर 7,66,800 रुपये बच्चो के गबन का आरोप, सलीम खान प्रबन्धक दानिश पब्लिक स्कूल पर 200 बच्चो पर 2 लाख रुपये गबन का आरोप, मोहम्मद इसहाक अंसारी प्रबन्धक रोजी पब्लिक स्कूल पर 633 बच्चो पर 6,33,000 रुपए गबन का आरोप के विरुद्ध छात्रवृति गबन के मामले में दर्ज मुकदमे में चल रही जांच में गिरफ्तारी पर रोक लगाई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ व प्रवीन कुमार गिरी की अदालत ने याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी.को सुनकर दिया. कई आदेश अलग अलग याचिकाओं में पारित हुए है।याचीगण के विरुद्ध आर्थिक अपराध शाखा -थाना ने मुकदमा दर्ज कराया कि याची ने छात्रवृत्ति की धनराशि का नगद वितरण बता कर अधिकारी व क्लर्क के साथ मिलकर छात्रवृत्ति की धनराशि का गबन कर लिया जबकि बच्चो के खातों में पैसा जाना चाहिए था। याची अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि याचीगण ने नगद वितरण किया है और ई. ओ. डब्लू. की जांच में सह अभियुक्त संजय त्यागी की जांच में स्वयं यह माना है कि गबन का कोई आरोप नही पाया गया। केवल भारत सरकार की गाइड लाइन का उलंघन किया गया है। याची ने तत्कालीन मुख्य विकाश अधिकारी के निर्देश पर अधिकारियों की मोजुदगी में नगद छात्रत्रवृति का वितरण किया है। गाइडलाइन के अनुसार मदरसा संचालको के खातों में छात्रवृत्ति भेजी थी जो छात्रों को छात्रवृत्ति का वितरण नियमानुसार कर दिया गया था. 14 साल बाद जांच शुरू कर याची को गिरफ्तार करना चाहती है।
याची अधिवक्ता की दलील को सुनकर हाइकोर्ट ने ई.ओ. डब्लू. मेरठ को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में राज्य सरकार सहित पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध संगठन मेरठ व अन्य को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश पारित किया और याची के विरुद्ध चल रही जांच में पुलिस रिपोर्ट प्रेषित या पुलिस रिपोर्ट पर न्यायालय के द्वारा संज्ञान लिए जाने तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने का निर्देश दिया है और 6 सप्ताह के बाद अन्य याचिकाओ के साथ सुनवाई की तिथि नियत की है.
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