नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी
विभाग में पलमोनरी वाल्व बैलून डालेटेसन् (पी.
वी.बी .डी.) तकनीक द्वारा उपचार किया गया। मरीज़ नग़मा (18 वर्ष, महिला) को काफी लंबे
समय से सांस फूलना एवं घबराहट की परेशानी हो रही थी। उन्होंने प्राइवेट चिकित्सालय
में कई बार अपना इलाज कराया, परंतु मरीज को परेशानी में कोई राहत नहीं मिली।
मरीज ने मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी
विभाग में डॉ. धीरज सोनी (विभागाध्यक्ष कार्डियोलॉजी विभाग) से ओपीडी में संपर्क किया। तदोपरांत चिकित्सकों ने उनको 2D इको
चेकअप कराने की सलाह दी। उक्त जांच के उपरांत संज्ञान में आया कि मरीज के दिल के एक
वाल्व, जिसे पलमोनरी वाल्व कहते हैं उसमें परेशानी हो रही थी, जिस कारणवश प्रेशर बढ़ा
हुआ था। मरीज के परिवार को इस बीमारी के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया एवं बलून
डायलेशन विधि द्वारा उपचार भी समझाया गया।
मरीज का इलाज सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “आयुष्मान योजन के अंतर्गत निशुल्क किया
गया। उपरोक्त विधि में मरीज़ के वाल्व के रास्ते एक बैलून को वायर के ऊपर डाला गया
और उसे डायलेट करके रुकावट को दूर किया गया। उपचार उपरांत मरीज स्वस्थ है एवं उपचार
से पहले दिख रहे लक्षणों में भी काफी आराम है। उक्त विधि द्वारा प्राइवेट चिकित्सालयो
में इलाज करने में लगभग एक लाख से डेढ़ लाख का खर्चा होता है, जिसको सरकार की महत्वाकांक्षी
योजना “आयुष्मान योजना” के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज में निशुल्क किया गया। ऑपरेशन को कार्डियोलॉजी विभाग की टीम एवं एनेस्थीसिया विभाग
की टीम द्वारा किया गया।
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